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गंदगी के ढेर में बदला बगोदर बस पड़ाव

. 3.5 एकड़ भूभाग में फैला बगोदर बस पड़ाव के पास फैली गंदगी से यात्री व दुकानदार परेशान हैं. यहां काफी संख्या में बसें व अन्य सवारी वाहन रुकते हैं. बिहार व बंगाल से भी बसें आती हैं.

बगोदर. 3.5 एकड़ भूभाग में फैला बगोदर बस पड़ाव के पास फैली गंदगी से यात्री व दुकानदार परेशान हैं. यहां काफी संख्या में बसें व अन्य सवारी वाहन रुकते हैं. बिहार व बंगाल से भी बसें आती हैं. जीटी रोड की फोर लेनिंग होने पर दुकानदारों के प्रभावित होने पर तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह ने बस पड़ाव दुकान आवंटित करने की पहल की. उनकी पहल पर 385 फुटपाथ के दुकानदारों को दुकान आवंटित किया गया. दुकानदारों ने दुकान लेकर अपना रोजगार शुरू किया. कुछ दुकानदारों ने पुरानी जगह पर बांस-बल्ली पर तिरपाल डालकर दुकान चला रहे हैं. इधर, कुछ दुकानदारों ने दुकान भाड़ा पर लगा दिया. दुकानदारों को लॉटरी के माध्यम दुकान मिली थी. इसको लेकर एक कमेटी बनायी गयी. इस कमेटी ने तय किया कि मार्केट कांप्लेक्स में बनी दुकानों की छत दुकान बनायी जाये. आज बगोदर बस पड़ाव में जिला परिषद ने 398 आवंटित दुकानें हैं. दुकानदार मासिक भाड़ा का भुगतान कर रहे हैं. इधर, करीब सौ लोग ठेला-खोमचा लगाकर कमाई कर रहे हैं. दुकानदार यहां से कमाई तो कर रहे हैं, लेकिन साफ-सफाई पर उन्हें ध्यान नहीं है. इसके कारण एक सुसज्जित बस पड़ाव कचरा की ढेर में बदल गया है. कचरों के बीच दुकानों का गंदा पानी बहता है. इससे निकलने वाली दुर्गंध से यात्री परेशान रहते हैं. इस बस पड़ाव में दिन-रात बसों का आना-जाना लगा रहता है. लंबी दूरी की काफी संख्या में बसें रात में आती है. इन बसों से रात में यात्री उतरते हैं, लेकिन दुर्गंध के कारण वह यहां रुक नहीं पाते हैं. वह रात आसपास में बिताते हैं. कचरा के कारण यहां मवेशियों का भी बसेरा रहता है. सीओ ने कहा इस संबंध में सीओ सुषमा सोरेन ने दूरभाष पर कहा कि अभी मैं जिला की बैठक में हूं. बगोदर बस पड़ाव की स्थिति की जानकारी मिली है. चुनाव के कारण व्यस्तता है. चुनाव संपन्न होने के बाद इस पर विचार किया जायेगा. कहा कि ठेला-खोमचा को हटाकर बस पड़ाव की सुंदरता को बनाये रखने पर जिला परिषद को भी गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए.

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