मनरेगा. लक्ष्य की प्रप्ति को ले विभाग गंभीर, कवायद तेज समशुल अंसारी, गिरिडीह . 15 जून से मनरेगा में मिट्टी का काम बंद हो जायेगा, लेकिन इस दौरान पौधरोपण से जुड़ी बिरसा हरित ग्राम योजना को गति मिलेगी. विभाग ने बिरसा हरित ग्राम योजना को ले लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. लक्ष्य के अनुरुप में वर्ष 2024-25 में गिरिडीह जिले में दो हजार एकड़ भूमि में बिरसा हरित ग्राम योजना का क्रियान्वय किया जायेगा. जानकारी के अनुसार बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना को अब बिरसा हरित ग्राम योजना के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है. उक्त योजना के तहत किसान (लाभुक) अपनी खाली पड़ी भूमि में फलदार व इमारती पौधे लगाते हैं. इस योजना के तहत सरकार मनरेगा के माध्यम से पौधा, खाद, घेरान समेत मजदूरी का भी भुगतान करती है. इसका सीधा लाभ लाभुक को मिलता है और पेड़, फल व समस्त संपत्ति का मालिकाना हक उनका ही होता है. इसके कारण काफी संख्या में लोग बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ लेने के पहल करते हैं. सिर्फ गांडेय प्रखंड की ही बात करें तो पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 197 लाभुकों ने इस योजना से लाभ उठाया. पौधरोपण के लिये पिट की खुदाई में जुटे लाभुक योजना को ले एक तरफ विभागीय पदाधिकारी व कर्मी गंभीर हैं. वहीं, लाभुक पिट की खुदाई में कवायद में जुट गये हैं. बता दें कि पिट की खुदाई के बाद संवेदक जैविक खाद, कीटनाशक व पौधे का आवंटन करता है. एक एकड़ भूमि पर 112 आम के पौधे व 80 इमारती पौधे लगाये जाते हैं. कारगर है योजना : मनोज मुर्मू मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज मुर्मू ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना व्यक्तिगत रूप से लाभदायक व कारगर है. इस योजना से लाभुक को पेड़, फल व इमारती लकड़ी मिलती है. इसके अलावा यह योजना पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देता है. उन्होंने लाभुकों से उक्त योजना के तहत लगाये गये पौधों को सुरक्षित रखने व लाभ लेने की अपील की. प्रखंड लक्ष्य (एकड़ में) बगोदर 35 बेंगाबाद 235 बिरनी 170 देवरी 250 धनवार 130 डुमरी 160 गांडेय 220 गावां 85 गिरिडीह 240 जमुआ 220 पीरटांड़ 60 सरिया 35 तिसरी 160 कुल 2000 (एकड़)
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है