बिहार और झारखंड पुलिस ने एक-दूसरे को सौंपी हार्डकोर नक्सलियों की सूची
चुनाव को देखते हुए पुलिस ने नक्सलियों की धर-पकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया है. झारखंड और बिहार के सीमावर्ती जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद नक्सलियों के खिलाफ पुलिस ने रणनीति तैयार की है और उसी के तहत कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है.
राकेश सिन्हा, गिरिडीह. चुनाव को देखते हुए पुलिस ने नक्सलियों की धर-पकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया है. झारखंड और बिहार के सीमावर्ती जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद नक्सलियों के खिलाफ पुलिस ने रणनीति तैयार की है और उसी के तहत कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है.
मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों गिरिडीह पुलिस ने बिहार की पुलिस को सात हार्डकोर नक्सलियों की सूची सौंपी है, जिसमें पांच गया के और दो जमुई जिले के रहने वाले हैं. इन लोगों के खिलाफ वारंट भी जारी हो चुका है, लेकिन पिछले काफी दिनों से ये फरार चल रहे हैं. वहीं बिहार पुलिस ने गिरिडीह पुलिस को भी 12 हार्डकोर नक्सलियों की सूची सौंपी है, जिनके खिलाफ विभिन्न मामलों में वारंट जारी किये जा चुके हैं और वे भी फरार चल रहे हैं. इनमें जमुई जिले के 10, बांका के एक और बेतिया जिले का एक आरोपी शामिल है, जो विभिन्न नक्सल कांड में शामिल रहा है. हालांकि गिरिडीह पुलिस ने इनमें से एक आरोपी को गिरफ्तार कर जमुई पुलिस को सौंप दी है. अब 11 नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए संबंधित थानों की पुलिस को एसपी ने कड़े निर्देश जारी किये हैं और कहा है कि फरार चल रहे इन हार्डकोर नक्सलियों को वे अविलंब गिरफ्तार करें. इधर, सूत्रों का कहना है कि इन नक्सलियों में से कई जिले से फरार हैं.400 से भी ज्यादा नक्सलियों के खिलाफ मिल चुकी है अभियोजन की स्वीकृति
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों गृह विभाग ने पांच साल से पूर्व के नक्सली कांडों की स्थिति की समीक्षा की है. समीक्षा के बाद पाया है कि गिरिडीह जिले में 99 प्रतिशत मामले निष्पादित हो चुके हैं. गिरिडीह में जब एसपी के पद पर दीपक कुमार शर्मा ने योगदान दिया तो उस वक्त लगभग 72 ऐसे मामले लंबित थे, जो पांच साल से ज्यादा पुराने थे. बताया जाता है कि इनमें से 70 मामले अब निष्पादित कर दिये गये हैं. इस दौरान लगभग 400 से भी ज्यादा नक्सलियों के खिलाफ यूएपी के तहत अभियोजन की स्वीकृति गृह विभाग ने दी थी. अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद अदालत में भी मामलों की सुनवाई में तेजी आयी और कई चर्चित कांडों का निष्पादन कर दिया गया. बताया जाता है कि अब पांच साल पूर्व के दो मामले पीरटांड़ और मधुबन के इलाके के हैं, जिनके निष्पादन के लिए त्वरित कार्रवाई की जा रही है.जेल से छूटे नक्सली पुलिस के सर्विलांस पर
इधर, चुनाव के मद्देनजर गिरिडीह पुलिस नक्सलियों को लेकर सतर्क हो गयी है और जेल से छूटने वाले नक्सली भी पुलिस के सर्विलांस पर हैं. सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों जिले के पुलिस अधिकारियों की हुई बैठक में गिरिडीह के एसपी ने सभी थानों को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही हर नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है. निर्देश के बाद संबंधित थानों की पुलिस उन नक्सलियों पर विशेष नजर रख रही है, जो जेल से छूटने के बाद किसी नक्सली दस्ता के संपर्क में जा रहे हैं.