Giridih News :बोरिंग है फेल, बच्चे घर से लाते हैं पानी

Giridih News :इन दिनों तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. गर्मी बढ़ने के साथ ही जगह-जगह जल संकट भी लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है. विद्यालयों में पानी की सुविधा नहीं रहने से बच्चों को खासा परेशान होना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 6, 2025 11:26 PM

कई बार बोरिंग होने पर भी नहीं निकल पाया पानी

इन दिनों तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. गर्मी बढ़ने के साथ ही जगह-जगह जल संकट भी लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है. विद्यालयों में पानी की सुविधा नहीं रहने से बच्चों को खासा परेशान होना पड़ रहा है. जमुआ प्रखंड के धुरगड़गी पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंधरकोला में समस्याओं की भरमार है. यहां 218 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. विद्यालय प्रांगण में छह जगह बोरिंग हुई, लेकिन एक भी जगह वह धरातल पर नहीं टिक पायी. करीब 200 बार से भी अधिक बोरिंग होने के बाद भी एक बूंद पानी का दर्शन नहीं हुआ है. पानी के अभाव में बच्चे बच्चियां विद्यालय से दूर जाकर पानी पीते हैं.

मध्याह्न भोजन बनाने में भी परेशानी

मध्याह्न भोजन बनाने में भी काफी कठिनाई होती है. फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सोलर डीप बोरिंग से पाइप के जरिये पानी विद्यालय तक पहुंचाया जा रहा है. इधर विद्यालय में चहारदीवारी नहीं रहने से कुछ असामाजिक तत्व प्रांगण में जानवर आदि बांधकर पढ़ाई बाधित कर देते हैं. विद्यालय प्रांगण में स्थित पुराने भवन भी जर्जर अवस्था में आ गये हैं. पानी को लेकर अभिभावक पंचायत सचिव तक फरियाद कर चुके हैं लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी है.

विद्यालय के शिक्षक प्रदीप वर्मा, आलोक तुरी, रंजीत कुमार वर्मा, नागेश्वर महतो, रंजीत वर्मा आदि ने बताया कि यहां पानी की बड़ी समस्या है. गर्मी बढ़नी शुरू हो गयी है. इससे पानी की चिंता सताने लगी है. छात्रों के लिए चार शौचालय बनाये गये हैं. लेकिन पानी के अभाव में चारों में ताला लटका हुआ है. शौच के लिए विद्यार्थी अपने घर जाते है. उपमुखिया रंजीत वर्मा, थानेश्वर वर्मा, सहदेव राय, प्रभु नारायण महतो, नागेश्वर महतो, पवन कुमार आदि ने यहां पेयजल की सुविधा बहाल करने की मांग की है. विद्यालय में पढ़ रही छात्रा लक्ष्मी कमारी, नीलम कुमारी, नेहा कमारी, सीमा कुमारी व मुस्कान कुमारी ने कहा कि विद्यालय में पानी की सुविधा नहीं रहने से किताब के साथ साथ पानी भी बोतल में भरकर लाना पड़ता है. रसोइया पिंकी देवी, पर्वतिया देवी और शकुंतला देवी ने बताया कि पानी की सुविधा नहीं रहने से मध्यान भोजन बनाने में काफी परेशानी होती है.आधा किलोमीटर दूर से पानी लाकर भोजन बनाना पड़ता है.

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