जिले में लूट-खसोट के लिये अनुपयोगी योजनाओं की स्वीकृति धड़ल्ले से दी जा रही है. ऐसी स्थिति गिरिडीह प्रखंड के उदनाबाद पंचायत में देखने को मिला. दुखहरण नाथ मंदिर के पास तीन-तीन सामुदायिक शौचालय बना दिये गये हैं. बताया जाता है कि शौचालय बनने के बाद से इनका उपयोग नहीं हुआ. पुरानी योजना का उपयोग हुआ नहीं और नई योजना की स्वीकृति दे दी गयी. यहां एक या दो नहीं, बल्कि 25 मीटर के दायरे में तीन-तीन सामुदायिक शौचालय बना दिये गये. पहला शौचालय लगभग 8 वर्ष पूर्व एनआरईपी विभाग ने 9,34,700 रुपये में बनाया था. इसके बाद पर्यटन निधि से लगभग 6 वर्ष पूर्व एक सामुदायिक शौचालय फिर बनाया गया. आश्चर्य की बात तो यह है कि इन योजनाओं का उपयोग अभी तक हुआ भी नहीं था कि फिर से यहीं पर एक सामुदायिक शौचालय पर्यटन विभाग से बनवाया जा रहा है. स्थिति यह है कि देखरेख के अभाव में शौचालय बदहाल हो रहे हैं. सामानों की चोरी हो रही है और सामुदायिक शौचालय में ताले भी लटके रहते हैं.
कमेटी गठित नहीं होने देखरेख का अभाव : काजल देवी
उदनाबाद पंचायत की मुखिया काजल देवी कहती हैं कि एक ही स्थल पर तीन-तीन सामुदायिक शौचालय बनाये जाने की जरूरत नहीं थी. अब बन गया है तो देखरेख की जरूरत है. लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कमेटी नहीं बनायी गयी है. इसके कारण देखरेख और मेंटेनेंस नहीं होता है. उन्होंने कहा कि एक मोटर भी चोरी हो गया है. यदि प्रशासन कमेटी बनाये और किसी व्यक्ति को देखरेख की जवाबदेही सौंपे तो व्यवस्था सुधर सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है