जमुआ. वर्ष 1928 से जमुआ प्रखंड के मिर्जागंज( बदडीहा) में चैती दुर्गा पूजा हो रही है. मंदिर का निर्माण बदडीहा गांव के एक गरीब परिवार ने (बाजार हाट में फेरी करने वाले) बद्रीनारायण साहा ने अपनी निजी जमीन पर किया था. बीएन साहा की पतोहू कलावती साहा ने बताया कि स्व. बद्रीनारायण साहा गरीब परिवार से आते थे. वह मेला व हाट बाजार में मिठाई बेचते थे. मिर्जागंज बदडीहा में आश्विन माह दुर्गा पूजा की प्रतिमा का विसर्जन जुलूस उनके दरवाजे से होकर गुजरता था. इस बीच उन्हें स्वप्न आया कि चैती दुर्गा मंदिर की स्थापना करो, सभी समस्या में दूर हो जायेगी. इसके बाद उन्होंने अपने आसपास के लोगों से सलाह ली और मिर्जागंज बदडीहा में खपरैलनुमा मंदिर में चैती दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा शुरू की. इसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ. आज उनके नाम से कई शैक्षणिक संस्थान हैं. वर्ष 1985 में स्व. साहा के पुत्र किस्टो साहा ने खपरैलनुमा मंदिर का जीर्णोद्धार किया. आज मंदिर में स्व. साहा की पुत्रवधू मालती साहा, पौत्र ज्योति साहा, पौत्र वधू बेला साहा व हलवाई समाज मंदिर की देखरेख में पूजा हो रही है. हलवाई समाज के अध्यक्ष रवि राजा ने कहा कि यह मंदिर आस्था का केंद्र है.
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96 वर्ष से हो रही है मिर्जागंज-बदडीहा में चैती दुर्गा पूजा
वर्ष 1928 से जमुआ प्रखंड के मिर्जागंज( बदडीहा) में चैती दुर्गा पूजा हो रही है. मंदिर का निर्माण बदडीहा गांव के एक गरीब परिवार ने (बाजार हाट में फेरी करने वाले) बद्रीनारायण साहा ने अपनी निजी जमीन पर किया था.
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