-विचार क्रांति से आ सकता है परिवर्तन : कामेश्वर
गावां प्रखंड के कहुवाई में आयोजित नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के संध्याकालीन संगीतमय प्रवचन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. इसके पूर्व हवन-पूजन आदि आयोजित किये गये.
नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में प्रवचन सुनने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
गावां.
गावां प्रखंड के कहुवाई में आयोजित नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के संध्याकालीन संगीतमय प्रवचन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. इसके पूर्व हवन-पूजन आदि आयोजित किये गये. मौके पर उपस्थित शांति कुंज प्रतिनिधि कामेश्वर सिंह ने कहा कि जब देश में अनाज की कमी पड़ी तो उसका समाधान हरितक्रांति से व जब दूध की कमी पड़ी तो उसका समाधान श्वेत क्रांति से हुआ.वैचारिक क्रांति की नींव घर-घर सद्बुद्धि : इस दौरान शांति कुंज प्रतिनिधि ने कहा कि आज न तो अनाज की कमी है और न ही दूध की. फिर भी मनुष्य का जीवन समस्याओं से ग्रस्त है. इस समस्या का एक ही समाधान है और वह है विचार क्रांति. विचार क्रांति का आधार है घर-घर सद्बुद्धि की देवी गायत्री माता की उपासना का प्रचार-प्रसार. इसके लिए हर परिवार में संस्कार जागृत करने की आवश्यकता है.अतिथि का सम्मान सद्साहित्य से : कार्यक्रम का उद्घाटन थाना प्रभारी महेश चंद्र ने किया. गायत्री परिवार के सदस्यों ने उन्हें सद्साहित्य देकर सम्मानित किया. मौके पर अयोध्या यादव, अनिल कुमार, सरयू पंडित, जयराम यादव, राजेंद्र विश्वकर्मा, विनोद यादव, मन्नू यादव, बीणा यादव, किरण देवी, सीमा भारती, प्रेमलता देवी समेत काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है