Giridih News: कव्वाली के साथ चिरुवां शरीफ का सालाना उर्स संपन्न

Giridih News: सरिया प्रखंड क्षेत्र के चिरुवां शरीफ में बाबा गौश अली शाह मैसूरी की मजार पर चादरपोशी तथा तीन दिवसीय उर्स मेले का समापन सोमवार की रात खानकाह कव्वाली के साथ हो गया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2025 11:09 PM

सोमवार को तीसरे दिन जायरीनों की काफी भीड़ रही. बीते आठ से 10 फरवरी तक चले 45वें उर्स मेले में झारखंड के अलावा बिहार, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के कोने-कोने से जायरीन पहुंचे थे. तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले की जेनरल गौसिया कमेटी ने व्यापक तैयारी व व्यवस्था की थी.

दूसरे राज्यों से भी लोग आते हैं

विदित हो कि प्रत्येक वर्ष लगने वाले इस मेले में हिंदुस्तान के कोने-कोने से हजारों-हजार लोग शरीक होकर बाबा गौश अली शाह की मजार पर मन्नतें मांगते हैं. क्षेत्र के लिए यह मजार शरीफ मुस्लिम धर्मावलंबियों की आस्था का केंद्र है. हालांकि यहां मुस्लिम के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी आते हैं.

इस बाबत चिरुवां शरीफ के सदर मो रफीक अंसारी ने बताया कि यहां मैसूर से आये सैय्यद गौश अली शाह बाबा वर्ष 1980 के दशक में पर्दा किये. बाद में उनके अनुयायियों ने आपसी सहयोग से मजार बनवाया. उसी वर्ष से मेले का आयोजन भी होता आ रहा है. वहां मेले की शोभा बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े झूले, जादू का खेल, मौत का कुआं, विभिन्न राज्यों से मिठाई व खिलौने की दुकानें सजाई गयी थीं.

इसके पूर्व सोमवार की रात कव्वाली में कानपुर से आये शरीफ परवाज एंड पार्टी व जौनपुर से पहुंचे कव्वाल सुल्तान साबरी एंड पार्टी ने कहा कि हिंदुस्तान में चैनो अमन बरकरार रहे और नफरतों की दीवार ढहाने के लिए सभी कौम के लोग भाईचारे का उदाहरण पेश करें.

कमेटी के सदर रफीक अंसारी ने कहा कि कव्वाली एक ऊर्जावान संगीत प्रदर्शन, सूफी मुस्लिम कविता है. इसका उद्देश्य श्रोताओं को धार्मिक परमानंद की स्थिति में ले जाना है. यह कव्वाली ईश्वर के साथ आध्यात्मिक मिलन की ओर ले जाता है.

इनकी थी उपस्थिति :

कार्यक्रम में मुख्य रूप से डुमरी विधायक जयराम महतो, रफीक अंसारी, लाल मोहम्मद, सुलेमान अंसारी, प्रयाग ठाकुर, मौलाना गुलाम ख्वाजा, मो अजीज, इस्लाम अंसारी, जुनैद अहमद, अहमद अंसारी, कारी बरकतउल्ला आयुबी, मो शफात अली, अहमद रजा, गुलाम मुर्तजा, मौलाना कौसर, गुलाम ताहा, अनवर अंसारी, सदाकत अंसारी समेत अन्य लोग शामिल थे.

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