कबरीबाद माइंस से विभागीय स्तर से कोयला उत्पादन कार्य बंद
सीसीएल की गिरिडीह कोलियरी अंतर्गत कबरीबाद माइंस से विभागीय स्तर से कोयला उत्पादन का कार्य बंद कर दिया गया है.
सूरज सिन्हा, गिरिडीह. सीसीएल की गिरिडीह कोलियरी अंतर्गत कबरीबाद माइंस से विभागीय स्तर से कोयला उत्पादन का कार्य बंद कर दिया गया है. सीसीएल द्वारा विभागीय स्तर से कबरीबाद माइंस में जिस पैच से कोयला का उत्पादन कर रही थी, उस पैच में कोयला समाप्त हो गया है. इसलिए कबरीबाद में अब जो कोयला बचा है, उसका उत्पादन आउटसोर्सिंग कंपनी करेगी. जानकारी के मुताबिक वर्ष 2020 में सीएमपीडीआई की प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कबरीबाद में 36 लाख टन कोयला मौजूद होने की बात कही गयी है. इस कोयले को आउटसोर्सिंग के माध्यम से निकालने की अनुमति मिली है. 36 लाख टन कोयले में से पिछले वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख टन कोयला आउटसोर्सिंग के माध्यम से निकाला जा चुका है. अब शेष कोयला भी कंपनी ही निकालेगी. बताया जाता है कि अंबालाल पटेल नामक आउटसोर्सिंग कंपनी को ओबी व कोयला निकालने की जिम्मेदारी मिली है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में आउटसोर्सिंग कंपनी को छह लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला है. वहीं, लगभग 11 लाख क्यूबिक मीटर ओबी निकालने का लक्ष्य है. हालांकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कबरीबाद में विभागीय व आउटसोर्सिंग से चार लाख कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य मिला था. यहां पर लक्ष्य से अधिक 4.10 लाख टन कोयला का उत्पादन किया था. अब चूंकि सिर्फ आउटसोर्सिंग कंपनी को छह लाख टन कोयला का उत्पादन करना है. इसलिए है इसे एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. नये वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही आउटसोर्सिंग कंपनी ने उत्पादन कार्य शुरू कर दिया है. कबरीबाद से मैनपावर को दूसरी इकाइयों में एडजस्ट रने की प्रक्रिया शुरू कबरीबाद से विभागीय स्तर से कोयला का उत्पादन बंद होने के बाद अब वहां से सीसीएल के कर्मचारियों को दूसरे इकाइयों में एडजस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. सीसीएल सूत्रों के मुताबिक कबरीबाद में मैन पावर की संख्या लगभग 262 है. इनमें से कई को दूसरे इकाई में शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं, आउटसोर्सिंग कार्य में लगभग 50 कर्मी हैं. ऐसे में लगभग एक सौ कर्मचारियों को दूसरे इकाइयों में शिफ्ट करना है. इस संबंध में परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह ने बताया कि ओपेनकास्ट चालू होने की स्थिति में सभी को वहां पर शिफ्ट किया जायेगा. कहा कि वैसे कर्मचारियों से यह भी कहा गया है कि वह यदि दूसरी कोलियरी में जाना चाहते हैं तो आवेदन दे सकते हैं. 105 करोड़ तक कोलियरी का घाटा पहुंचने की संभावना सीसीएल प्रबंधन के मुताबिक वर्ष 2023-24 की समाप्ति के बाद गिरिडीह कोलियरी का घाटा 105 करोड़ होने की संभावना है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में कोलियरी का घाटा 145 करोड़ था. लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में लक्ष्य से अधिक कोयला का उत्पादन करने के कारण घाटा में लगभग 40 करोड़ की कमी आने की संभावना है. सभी के सहयोग से हासिल किया जायेगा उत्पादन लक्ष्य : जीएम गिरिडीह एरिया के महाप्रबंधक बासब चौधरी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में आउटसोर्सिंग के जरिये छह लाख टन कोयला का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित है. सभी कर्मचारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, ट्रेड यूनियन सदस्यों, ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से उत्पादन लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा. कहा कि कबरीबाद को छह लाख का इसी है. चालू वित्तीय वर्ष में 150 से अधिक रेल रैक डिस्पैच किया जायेगा. वहीं, रोड सेल को भी गति दी जायेगी. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2.48 लाख टन कोयला उत्पादन आउटसोर्सिंग से व 1.09 लाख टन कोयला उत्पादन विभागीय स्तर से प्राप्त किया गया था. कबरीबाद में जिस पैच से कोयला लिया जा रहा था उसमें कोयला नहीं है. इसलिए विभागीय स्तर से कोयला उत्पादन कार्य एक अप्रैल से बंद हो गया. अब आउटसोर्सिंग कंपनी उत्पादन कर रही है. कोलियरी को नो लोस नो प्रोफिट में लाने का प्रयास जारी : पीओ गिरिडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह ने कहा कि गिरिडीह कोलियरी अंतर्गत कबरीबाद व गिरिडीह ओपेनकास्ट परियोजना में निरंतर कोयला का उत्पादन होने पर कोलियरी को घाटा से उबारा जा सकता है. साथ ही गिरिडीह कोलियरी को नो प्रोफिट-नो लोस में लाया जा सकता है. इसको लेकर प्रयास जारी है. उन्होंने बताया कि ओपेनकास्ट परियोजना चालू वित्तीय वर्ष में शुरू होने की संभावना है. इसके लिए प्रयास तेज है. उन्होंने कहा कि ओसीपी से कोयला का उत्पादन होता रहता तो घाटा में और कमी लायी जा सकती थी. कबरीबाद का इसी छह लाख टन और ओसीपी का इसी सात लाख टन है. जमीन संबंधित मामला सुलझने के बाद ओसीपी से उत्पादन शुरू हो जायेगा.