Giridih News: झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन ने जीएम कार्यालय के समक्ष दिया धरना
Giridih News: झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन ने सोमवार को 26 सूत्री मांगों को लेकर गिरिडीह कोलियरी स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. इसकी अध्यक्षता यूनियन के एरिया अध्यक्ष हरगौरी साव छक्कू ने की. मौके पर आयोजित धरना को संबोधित करते हुए झाकोमयू के एरिया सचिव तेजलाल मंडल ने कहा कि विस्थापितों एवं मजदूरों की समस्याओं को लेकर सीसीएल प्रबंधन गंभीर नहीं है.
मजदूरों एवं विस्थापितों के साथ भेदभाव एवं उपेक्षापूर्ण नीति के कारण इनलोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है, जो भविष्य में औद्योगिक अशांति का कारण बन सकता है. उन्होंने कहा कि परियोजना के विभिन्न विभागों में कार्यरत वैसे श्रमिक जो विगत कई वर्षों से कैटेगिरी वन के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें अविलंब पदोन्नति दिया जाय. परियोजना से हुए विस्थापितों को वैकल्पिक रोजगार के तहत परियोजना के सभी विभागों के निविदा में एक करोड़ तक के ठेका में बिना अग्रिम राशि का कार्य आवंटन एवं सभी खदानों में कोयला उत्पादन का 40 प्रतिशत कोयला रोड सेल के माध्यम से देकर रोजगार दिया जाय एवं मेन्यूअल लोडिंग की व्यवस्था की जाये.
श्री मंडल ने कहा कि विस्थापितों को कोल इंडिया पुनर्वास नीति के तहत नियोजन एवं पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत चार गुना मुआवजा पुनर्वास के तहत 25 डिसमिल आवंटित भूमि पर निर्मित पक्का मकान आवंटित किया जाय. साथ ही साथ विस्थापितों को पहचान पत्र और पुनर्वास समिति का गठन कराया जाय. एरिया अध्यक्ष हरगौरी साव छक्कू ने कहा कि परियोजना के विभिन्न अंडरग्राउंड खदान में विगत कई वर्षों से श्रमिकों को भूमिगत खदान से परियोजना के विभिन्न विभागों में स्थानांतरण किया गया है, परंतु उन श्रमिकों का पद भूमिगत खदान का ही है तथा स्थानांतरण के बाद भी वैसे श्रमिक से ओपेनकास्ट खदान में बिना ऑथराइजेशन के कार्य करवाया जा रहा है. वैसे श्रमिकों को ओपेनकास्ट कैडर में लेकर पदोन्नति का लाभ दिया जाय. वैसे श्रमिक जो शारीरिक रूप से या लंबी बीमारी से पीड़ित है तथा कार्य करने में अक्षम है, वैसे श्रमिकों के आश्रितों को पारा 9 4 0 स्कीम के तहत नौकरी पूर्व की भांति दिया जाय. परियोजना में चार श्रम कोड और प्रस्तावित मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर पर अविलंब रोक लगाया जाय.परियोजना पदाधिकारी को सौंपा गया ज्ञापन
धरना के पश्चात झाकोमयू शिष्टमंडल द्वारा परियोजना पदाधिकारी जीएस मीणा को सौंपे गये ज्ञापन में उक्त मांगों के अलावे आउटसोर्सिंग मजदूरों को हाई पावर कमेटी के द्वारा निर्धारित वेतनमान का भुगतान बैंक खाता के माध्यम से करने व चिकित्सा, शिक्षा, पीएफ, ग्रेच्यूटी, बोनस, दुर्घटना मुआवजा की राशि प्रदान करने, एक जनवरी 2017 से लागू 20 लाख एरियर भुगतान का लाभ सेवानिवृत श्रमिकों को देने, संवेदनशील व अतिसंवेदनशील पदों पर वर्षों से एक ही जगह कार्यरत कर्मियों का स्थानांतरण करने, बीमार श्रमिकों का बेहतर इलाज की व्यवस्था कराने, उत्पादन कार्य में सुरक्षा नियमों का पालन करने, मजदूरों के लिए 11 वां कोयला वेतन समझौता का लागू करने, सिविल विभाग एवं अन्य विभागों के द्वारा प्राक्कलन के अनुसार कार्य कराने व सीसीएल का बोर्ड लगाने, स्टीम कोयला को डीओ धारकों तथा रिजेक्ट कोयला रेलवे रैक से भेजने, खदानों में फर्स्ट एड, शौचालय, कैंटिन व शुद्ध पीने की पानी की व्यवस्था कराने, गिरिडीह ओपेनकास्ट खदान को डिपार्टमेंटल मजदूरों से चालू कराने, विस्थापितों की समस्या का जल्द समाधान करने तथा आउटसोर्सिंग में चलने वाले माइंस में विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने की मांग की गई है.
ये थे मौजूद :
धरना में इनके अलावे यूनियन नेता दिलीप मंडल, अर्जुन रवानी, देवचरण दास, दिलीप रजक, जगत कुमार पासवान, अर्जुन मंडल, विभूति भूषण, कैला गोप, मुख्तार अंसारी, बंकिम कुमार, चुड़का हांसदा, सुखदेव दास, नंदलाल दास, सोनाराम टुडू, लक्ष्मी माली, सामेल टुडू, बासुदेव मंडल, दिनेश रजक, सीताराम हांसदा, पप्पू मरीक, रवि कुमार, मुन्ना टुडू, ओमप्रकाश शर्मा, नुनूलाल हेंब्रम, शिबू मरांडी, असगर मियां, मो. खुर्शीद, पवन कुमार, संतोष साव समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है