इसके बाद महाआरती एवं भंडारे का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सदगुरु मां ज्ञान ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए श्रीमद् भागवत गीता का महत्व बताया. कहा कि जिस तरह आग का गुण है दहकना. आग में कोई भी प्रवेश करे शीतलता प्रदान नहीं करेगी. ठीक उसी प्रकार श्रीमद् भागवत गीता का गुण है शांति, सुख, आनंद का खजाना लुटाना, चाहे इसे अपनाने वाला हिंदू हो, मुसलमान हो, सिख हो यहूदी हो, या ईसाई. कहा कि श्रीमद् भागवत गीता है, जो साक्षात भगवान वाणी है. इसमें डुबकी लगा कर सभी धर्म संप्रदाय पंथ मजहब के लोग शांति को प्राप्त कर सकते हैं. मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
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