Giridih News: रद्द हो सकती है कोर्ट में दुर्गा पूजा से लेकर छठ तक होने वाली की छुट्टी
Giridih News: सिविल कोर्ट में दुर्गापूजा से लेकर छठ तक करीब एक महीने की लंबी छुट्टी रहती है. यह परंपरागत छुट्टी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है. इस दौरान केवल वेकेशन कोर्ट होता है जहां आपराधिक मामले के जरूरी मुकदमा की सुनवाई होती है. इस दौरान निचली अदालत में सिविल का कोई मामला सुनवाई नहीं होता. लंबे समय से अधिवक्ताओं के बीच यह मामला विचारणीय रहा है. समय-समय पर अधिवक्ताओं ने पूजा वेकेशन के जगह गर्मी के दिनों में छुट्टी की मांग की करते रहे हैं.
दुर्गापूजा से छठ तक कोर्ट में मिलने वाली लंबी छुट्टी अब समाप्त हो सकती है. इसके स्थान पर अब कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश हो सकता है. इस बाबत गिरिडीह के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय ने रविवार को कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर विचार विमर्श किया. उल्लेखनीय है कि सिविल कोर्ट में दुर्गापूजा से लेकर छठ तक करीब एक महीने की लंबी छुट्टी रहती है. यह परंपरागत छुट्टी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है. इस दौरान केवल वेकेशन कोर्ट होता है जहां आपराधिक मामले के जरूरी मुकदमा की सुनवाई होती है. इस दौरान निचली अदालत में सिविल का कोई मामला सुनवाई नहीं होता. लंबे समय से अधिवक्ताओं के बीच यह मामला विचारणीय रहा है. समय-समय पर अधिवक्ताओं ने पूजा वेकेशन के जगह गर्मी के दिनों में छुट्टी की मांग की करते रहे हैं. शनिवार को देवघर से रांची लौटने के क्रम में झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर राव गिरिडीह परिसदन में रुके थे. उस दौरान गिरिडीह जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव चुन्नूकांत ने उनसे मुलाकात किया और गिरिडीह में अधिवक्ताओं के बीच की समस्या और मुद्दों को उनके समक्ष रखा. बातचीत के क्रम में मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर सहमति जताई कि हाल के दिनों में लगातार गर्मी बढ़ रही है. अप्रैल से लेकर जून तक भीषण गर्मी पड़ती है. विशेष कर मई और जून के महीने में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है. ऐसे में उसे कष्टदायक मौसम में अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारी, कर्मचारियों को काम करने में भारी परेशानी होती है. श्री कांत ने इस दौरान मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इस बात को भी रखा कि गर्मी के कारण कई बार वरीय अधिवक्ता, वृद्ध और बीमार पक्षकार को कोर्ट कैंपस में स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न हो जाती है. मुख्य न्यायाधीश ने इस संदर्भ में राज्य भर के अधिवक्ताओं से राय लेने की बात कही. उन्होंने गिरिडीह के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय को अधिवक्ताओं के साथ विचार विमर्श कर प्रस्ताव देने का निर्देश दिया. बातचीत के क्रम में चुन्नूकांत ने बताया कि इस संदर्भ में पहले भी उन्होंने उच्च न्यायालय में पत्राचार किया था. बहरहाल मुख्य न्यायाधीश के निर्देश के आलोक में रविवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं के साथ बैठक की और इस संदर्भ में विचार विमर्श किया. इसके पहले संघ के महासचिव चुन्नूकांत ने संघ की ओर से इस संबंध में एक प्रस्ताव समर्पित किया जिसे अधिवक्ताओं के दल ने उसे मांग पत्र को प्रधान एवं जिला सत्र न्यायाधीश को समर्पित किया और आग्रह किया कि उनके प्रस्ताव को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया जाए. बैठक में अन्य लोगों के अलावा प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय धनंजय प्रसाद, जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम जे वर्मा, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमारी निकिता, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, महासचिव चुन्नूकांत, वरीय अधिवक्ता एस के मित्र, विजय कुमार सिंह, निरंजन प्रसाद, नजमुल हसन, जयप्रकाश राय, कपिल चौधरी, अजय कुमार सिंह मंटू, अंजनी कुमार सिन्हा, के के सिंह, चंदन सिंह, दिगंबर मोहन प्रसाद, दिनेश विश्वकर्मा, स्वप्न कुमार, उत्तम कुमार, बब्बन खान आदि मौजूद थे.
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