बारिश में बहा मिट्टी व बालू से बना क्षतिग्रस्त नौलखा डैम का मेड़
सौंदर्यीकरण व सुदृढ़ीकरण की योजना क्रियान्वयन में लापरवाही के कारण पोखर में तब्दील हो चुके धनवार का नौलखा डैम को पिछले सप्ताह डैम का स्वरूप देने का प्रयास पहली ही बारिश में नाकाम हो गया. डैम के क्षतिग्रस्त मेड़ के पास संवेदक द्वारा बनाया गया मिट्टी और बालू का मेड़ शुक्रवार को बह गया.
सौंदर्यीकरण व सुदृढ़ीकरण की योजना क्रियान्वयन में लापरवाही के कारण पोखर में तब्दील हो चुके धनवार का नौलखा डैम को पिछले सप्ताह डैम का स्वरूप देने का प्रयास पहली ही बारिश में नाकाम हो गया. डैम के क्षतिग्रस्त मेड़ के पास संवेदक द्वारा बनाया गया मिट्टी और बालू का मेड़ शुक्रवार को बह गया. इससे नौलखा डैम पुनः पोखर में तब्दील हो गया. डैम की सुरक्षा के लिए अस्थायी तौर पर बनाये गए इस मेड़ के बह जाने से ठेकाटांड़ के रामजी महतो, बुधुवाडीह के जगदीश चौधरी समेत अन्य कई किसान की एक-डेढ़ एकड़ में लगी फसल बह गयी और खेत में बालू से भर गया. मालूम रहे कि पिछले सप्ताह हुडको के निदेशक पूर्व सांसद डॉ रवींद्र राय ने डैम ने डैम की सुरक्षा के लिए चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी, तो विभाग रेस हुआ. इस पहल से धनवार नगर के लोगों व पड़ोसी गांव के किसानों में उम्मीद जगी थी. जलस्तर में सुधार होने की आस भी जगी थी. इधर, किसानों को आशंका जतायी थी कि भारी बारिश में बांध बहा तो पुनः उनके खेतों में मिट्टी भरेगी और फसल बर्बाद होगी. उनकी आंशका सही साबित हुई.
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