22.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खरीफ कार्यशाला : डीएओ बोले- कृषि के साथ-साथ पशु व मत्स्य पालन भी जरूरी

अनुमंडलीय कृषि प्रक्षेत्र पचंबा में जिला स्तरीय खरीफ कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) सुरेंद्र सिंह ने गिरिडीह में खरीफ 2024 में जिला का फसलवार लक्ष्य से अवगत कराया.

अनुमंडलीय कृषि प्रक्षेत्र पचंबा में जिला स्तरीय खरीफ कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) सुरेंद्र सिंह ने गिरिडीह में खरीफ 2024 में जिला का फसलवार लक्ष्य से अवगत कराया. कहा कि जिला में धान 88000 हेक्टेयर, मक्का 21300, दलहन 19500, तेलहन 1090 व मोटा अनाज 1810 हेक्टेयर निर्धारित है. इसका प्रखंडवार भी लक्ष्य तय किया गया है. खरीफ मौसम की फसल और इसमें आने वाली समस्या के लिए कर्मियों के साथ-साथ किसानों को जागरूक होना आवश्यक है. कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य एवं उद्यान भी किसानों के लिए आवश्यक है. यहां पर सभी कृषि संबद्ध विभाग के पदाधिकारी उपस्थित हैं. किसानों के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी दी गयी. एलडीएम गिरिडीह ने केसीसी के माध्यम से किसान लाभ की जानकारी विस्तारपूर्वक दी. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कि कहा कि पंचायत के लैम्प्स/पैक्स में अनुदानित दर धान बीज उपलब्ध कराया गया है. वर्तमान में सभी ग्राम पंचायत में लैम्प्स/पैक्स की स्थिति मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. लैम्प्स/पैक्स के माध्यम से जल्द ही सीएससी सेंटर का भी संचालन किया जायेगा. कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी आकाश सिन्हा ने कहा कि खरीफ फसल का बीज उपचार कर ही लगायें. कीट का प्रकोप कर करने के लिए कम जहरीला रसायन या संभव हो तो नीम कीटनाशी का प्रयोग करें. जिला गव्य विकास पदाधिकारी ने किसानों के लिए चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी दी. कहा कि दो, पांच व 10 गाय किसानों को अनुदानित राशि पर मिलेगी. इसके अतिरिक्त विभाग पशुपालन शेड, चारा मशीन, प्रशिक्षण ग्राम स्तर पर आवासीय प्रशिक्षण, दो महीने एवं एक वर्ष का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है. जिला उद्यान पदाधिकारी वरुण कुमार ने उद्यान विभाग को योजनाओं से अवगत कराया. जिला मत्स्य पदाधिकारी ने मछली से लाभ के बारे में बताया. कहा कि मछली का जीरा किसानों को मिलते रहता है. किसी को इंतजार नहीं करना पड़ता है.

जलवायु परिवर्तन के अनुसार करें खेती : डॉ पंकज सेठ

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ पंकज सेठ द्वारा किसानों को इएमआई पर चर्चा करते हुए बताया गया कि किसान अर्ली मंथली इनकम जेनरेट सुनिश्चित करना चाहिए. जलवायु परिवर्तन हो रहा है. इसलिए किसान धान के पर बहुत ध्यान ना देकर दलहन व तेलहन पर ध्यान दें, तो अधिक लाभप्रद होगा. अभी भी देश दलहन व तेलहन के आयात पर ही निर्भर है. डीडीएम नाबार्ड ने बताया गया कि देश में खाद्यान्न उत्पादन पूर्ति के लिए राज्य, जिला व प्रखंड स्तर पर फसलवार लक्ष्य निर्धारित कर कार्यशाला के माध्यम से लक्ष्य पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाता है. कार्यशाला का संचालन बीटीएम रमेश कुमार ने किया. कृषि विभाग तथा आत्मा के सभी कर्मचारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषक मि,त्र जनसेवक तथा कृषक पाठशाला एवं एग्रीक्लीनिक के कर्मी के साथ-साथ प्रगतिशील कृषकों के लगभग 85 प्रतिभागियों ने भाग लिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें