Loading election data...

Giridih News: बगोदर के संजय और गाेविंद का विदेश में पड़ा है शव, हताश हैं परिजन

Giridih News: जानकारी मिलने पर चार सितंबर को विधायक विनोद कुमार सिंह मृतक के घर पहुंच और परिजनों को हिम्मत बंधाते हुए शव जल्द मंगाये जाने के लिए आश्वस्त किया. साथ ही मुआवजा दिलाने का भी भरोसा दिया. लेकिन आज तक कोई पहल नहीं हुई है. परिजनों को न तो मुआवजा ही मिल पाया है, न ही शव घर आ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2024 11:35 PM

बगोदर थाना क्षेत्र के दो प्रवासी मजदूरों की मौत बाहर के देशों में हो गयी है. दोनों की बॉडी वहीं पड़ी हुई है. जिससे परिजन हताश और परेशान हैं. दोनों के शव अब तक घर नहीं पहुंचने से परिजनों की चिंता बढ़ी हुई है. बगोदर थाना क्षेत्र के औरा निवासी संजय महतो की मौत मलेशिया में 12 दिन पूर्व हो गयी थी. बताया जाता है कि संजय महतो (35) पिता भुनेश्वर महतो मलेशिया में ट्रांसमिशन लाइन में काम करता था. वह ड्यूटी दौरान कंपनी का सामान दूसरी जगह शिफ्ट कर रहा था. इसी दौरान हादसे में सिर में चोट लग गयी और घायल हो गया. उसके साथियों ने इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. संजय महतो इसी साल काम के सिलसिले में मलेशिया गया था. परिवार में पत्नी, दो बेटे, एक बेटी हैं. जानकारी मिलने पर चार सितंबर को विधायक विनोद कुमार सिंह मृतक के घर पहुंच और परिजनों को हिम्मत बंधाते हुए शव जल्द मंगाये जाने के लिए आश्वस्त किया. साथ ही मुआवजा दिलाने का भी भरोसा दिया. लेकिन आज तक कोई पहल नहीं हुई है. परिजनों को न तो मुआवजा ही मिल पाया है, न ही शव घर आ रहा है.

ट्रांसमिशन लाइन में काम करता था गोविंद महतो

बीते आठ सितंबर को अडवारा पंचायत के बरवाडीह निवासी गोविंद महतो (47) की मौत उत्तरी अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में हो गयी. वह छह माह पहले काम करने गया था. काम करने के दौरान हाइड्रा मशीन सिर पर गिर पड़ी. इसमें गाेविंद गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना के बाद लोग उसे अस्पताल में भर्ती कराये. लेकिन इलाज के दौरान मौत हो गयी. मजदूर कल्पतरू (केपीटीएल) कंपनी में ट्रांसमिशन लाइन का कार्य करता था. इधर इन मजदूरों के परिजन से पूर्व विधायक नागेंद्र महतो मिले और शव लाने और उचित मुआवजा को लेकर केंद्रीय बाल विकास मंत्री सह सांसद अन्नपूर्णा देवी को पत्र लिखा गया. लेकिन इस पर कोई पहल नही की गयी है.

दोनों परिवारों के घरों में नहीं जल रहे चूल्हे

प्रखंड की बड़ी आबादी देश- विदेश में काम कर रही है. ऐसे में मजदूर के साथ घटना होने के बाद मुआवजा एक बड़ी समस्या होती है. परिजन भी मुआवजा नहीं मिलने तक परेशान होते हैं. ऐसे में महीनों तक मजदूरों का शव विदेश में पड़ा रहता है. दोनों मजदूरों के घरों में शव नहीं आने से उनके घर के चूल्हे शांत पड़े हैं. परिजन हर दिन शव के इंतजार में रहते हैं. इसे लेकर परिजनों ने भारत सरकार और झारखंड सरकार से मुआवजा के साथ ही शव भेजने की अपील की हैं, ताकि उनके शव का अंतिम संस्कार किया जा सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version