बेंगलुरू से गांव पहुंचा प्रवासी मजदूर का शव, गमगीन हुआ माहौल
मधवाडीह पंचायत के बरियारपुर गांव निवासी प्रवासी मजदूर मो शहादत का शव सोमवार की दोपहर गांव पहुंचा. शव के गांव पहुंचते ही परिजनों के चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया. बडी संख्या में ग्रामीण शव के अंतिम दर्शन को पहुंचे.
मधवाडीह पंचायत के बरियारपुर गांव निवासी प्रवासी मजदूर मो शहादत का शव सोमवार की दोपहर गांव पहुंचा. शव के गांव पहुंचते ही परिजनों के चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया. बडी संख्या में ग्रामीण शव के अंतिम दर्शन को पहुंचे. बताते चलें कि मो जमीरुद्दीन का पुत्र मो शहादत (21) बेंगलूरू में मजदूरी करने दो माह पूर्व गया था. शुक्रवार की शाम आवश्यक सामानों की खरीदी के लिए ऑटो से बाजार जाने के क्रम में एक पिकअप भान की चपेट में आने से ऑटो पलट गयी. हादसे में मो शहादत की मौत हो गयी थी. प्रवासी मजदूरों के सहयोग से उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया था जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया था.
गांडेय विधायक की पहल पर घर पहुंचा शव
इधर पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव लाने की तैयारी शुरू हुई लेकिन परिजनों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण परेशानी हो रही थी. इसकी जानकारी मिलने के बाद गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने त्वरित पहल की. विधायक के पहल पर जिला प्रशासन से किराये के लिए पचास हजार रूपये की राशि परिजनों के खाते में उपलब्ध करायी गयी. इसके बाद शव को रविवार को हवाई मार्ग से बेंगलूरू से रांची एयरपोर्ट लाया गया. रांची से एम्बुलेंस से शव को बरियारपुर गांव लाया गया. मुखिया मो. सदीक अंसारी ने कहा कि विधायक व जिला प्रशासन की पहल से मजदूर का शव गांव पहुंच पाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है