दिव्यांग होने के बाद भी ब्यास नारायण ने लगाये हैं 50 पेड़

व्यांग होने के बावजूद बगोदर के तुकतुको के ब्यास नारायण सिंह में पौधरोपण का ऐसा जज्बा कि आज वह आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गये हैं. उन्होंने अब तक 50 पेड़ लगाये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 3, 2024 10:50 PM

लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं ब्यास नारायण सिंह

बगोदर. दिव्यांग होने के बावजूद बगोदर के तुकतुको के ब्यास नारायण सिंह में पौधरोपण का ऐसा जज्बा कि आज वह आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गये हैं. 75 प्रतिशत दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने अब तक 50 पेड़ लगाये हैं. लोकप्रियता का आलम यह है कि 50 वर्ष के हो चुके ब्यास नारायण पेड़वाले बाबा के नाम से जाने जाते हैं.

सेना की तरह सजग :

पौधरोपण का जुनून ऐसा है कि जहां भी खाली जगह मिली तो वहां पौधा लगा देते हैं और पेड़ होने तक उसकी सेवा में लगे रहते हैं. दिव्यांगता के कारण उन्होंने शादी नहीं की. ऐसे में अपने द्वारा लगाये पेड़ों को ही अपना पुत्र और परिवार मानते हैं. पैर से लाचार और पीठ पूरी तरह से झुकी हुई है. ठीक से खड़े भी नहीं हो सकते. थोड़ा झुककर चलते हैं. लेकिन प्रकृति प्रेम का जज्बा है कि पर्यावरण को बचाने के लिए संकल्पित हैं. सरहद पर तैनात सैनिक की तरह वह भी अपने इस काम के प्रति सजग रहते हैं.

अपने खर्चे से चलाते हैं अभियान :

दिव्यांग ने ब्यास नारायण ने अब तक सेमर, आम, अमरूद , कटहल, बरगद, शीशम, गमहार, नींबू का पेड़ जैसे फलदार और बेशकीमती इमारती पेड़ लगा चुके हैं. सारा काम उन्होंने अपने पैसे से किया है. वह बताते हैं कि मौजूदा दौर में आज लोग पेड़ लगाने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं. हर साल वन विभाग के साथ मिलकर सभी सामाजिक संगठन कार्यक्रम करते हैं. चिंता का विषय है कि विभिन्न अवसरों पर लगाये गये पौधों की सुधि लेनेवाला कोई नहीं होता.

तुकतुको में सक्रिय है समिति :

तुकतुको में आज पर्यावरण को बचाने और जंगल को सुरक्षित रखने के लिए समिति बनायी गयी है. यहां जंगल और पेड़ बचाने का काम ग्रामीण सतत करते चले आ रहे हैं. गांव में करीब 300 एकड़ भूभाग में जंगल फैला हुआ है. यहां की हरियाली देखते ही बनती है.

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