वहीं भूमि संबंधी उपलब्धता को लेकर अंचल और वन विभाग की टीम मापी कार्य कर चुकी है. प्रभावित किसानों को मुआवजा की संभावना भी तलाशी जा रही है. इसके लिए भू-अर्जन विभाग भी सक्रिय हो गया है. जिस प्रकार युद्ध स्तर से प्रशासनिक हलचल चल रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल्द ही यहां कार्य भी प्रारंभ कर दी जायेगी. इधर खंडोली के विकास का खाका खींचने में जुटे अधिकारियों की टीम को देखकर डैम के आसपास के ग्रामीणों के चेहरे भी खिल रहे हैं.
पर्यटन के विकास से रोजगार की असीम संभावना को देखते हुए ग्रामीणों की ओर से भी तैयारी चल रही है. वे अपने सामर्थ्य के अनुसार यहां व्यवसाय को बढ़ावा देने में माथापच्ची कर रहे हैं.विशाल भूखंड पर फैला है खंडोली जलाशय
बता दें कि खंडोली जलाशय का निर्माण की सुगबुगाहट वर्ष 1952 में शुरू हुई थी. तत्कालीन गिरिडीह के विधायक व बिहार सरकार के राजस्व मंत्री केबी सहाय के प्रस्ताव पर शहरी जलापूर्ति के लिए इस डैम को बनाने का प्रस्ताव लिया गया. उनके प्रयास से वर्ष 1955 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ और दो वर्ष बाद वर्ष 1957 में यह डैम बनकर तैयार हो गया. इसे तत्कालीन सीएम कृष्ण सिंह उदघाटन के लिए खंडोली पहुंचे थे. कर्णपुरा, मधवाडीह, भंडारीडीह, पंचायत के बीचों बीच बना यह डैम विशाल भूखंड पर फैला है. इसमें बरियारपुर, सिमराढाब नाला सहित अन्य छोटे छोटे नाले आकर मिलती है.चुनावी वायदे को मंत्री ने किया पूरा
बताया जाता है कि खंडोली में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू काफी गंभीर हैं. विगत विधानसभा चुनाव के दौरान वे बेंगाबाद में कल्पना मुर्मू सोरेन के लिए कैंपेंनिंग कर रहे थे. इस दौरान उक्त डैम के सौन्दर्यीकरण के लिए ग्रामीणों ने अवगत कराया था. मधवाडीह मुखिया मो सदिक अंसारी ने भी उसे आवश्यक प्रस्ताव दिया था जिसपर उन्होंने सकारात्मक भरोसा दिया था. इधर मुखिया मो सदिक का कहना है कि चुनाव में हुई बंफर जीत के बाद विधायक से मंत्री बने सुदिव्य कुमार सोनू ने इलाके के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के विकास की दिशा में पहल किये और आज उसका परिणाम भी दिखने लगा है.बदली बदली दिखेगी खंडोली
बताया जाता है कि खंडोली डैम की में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए यहां पर पुलिस चौकी की स्थापना की गयी है. इसका नियत्रंण बेंगाबाद थाना प्रभारी के जिम्मे है. वहीं यहां पर पूर्व पर्यटन मंत्री हफिजुल हसन के प्रयास से गेस्ट हाउस का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इधर मधवाडीह मोड़ को खंडोली मोड़ से जोड़ने के लिए डैम व पार्क के नीचे बाईपास बनाया जायेगा. डैम के दूसरी किनारे पर पार्क विकसित किया जाना है. इसके अलावा डैम के चारों और कोरिडोर बनाकर लाईट से जगमग करने की योजना है. कुछ वर्ष पूर्व खंडोली आये पर्यटक जब अगले साल यहां आयेंगें तो उन्हें यहां का बदला नजारा लुभाने का काम करेगी.इन गांवों की बदलेगी सूरत
इधर खंडोली डैम में कोरिडोर बनाने से भोजदाहा, खंडोली, सिमराढाब, बिराजपुर, बरियारपुर, धोबनी, कर्णपुरा, आस्था सहित अन्य गांवों की सूरत भी बदल जायेगी. डैम के किनारे अस्थायी दुकान सजने की पूरी संभावना है जहां पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके अलावा स्थानीय समिति सदस्य मछली व्यवसाय को बढ़ा पायेंगे. वोटिंग, एडवेंचर की संभावना में भी बढ़ोतरी आयेगी. इधर विदेशी पक्षियों को भी पर्यटक नजदीक से निहार पायेंगे. फिलहाल प्रशासनिक गतिविधि तेज होने से खंडोली पर्यटन स्थल का नाम जिले से निकलकर दूसरे राज्यों तक पहुंचने की संभावना बढ़ गयी है.
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