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भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक महोत्सव में उमड़े श्रद्धालु, पारसनाथ पर्वत के स्वर्णभद्र टोंक पर श्रद्धालुओं ने चढ़ाया निर्वाण लाडू

गिरिडीह के मधुबन में दूसरें राज्यों से पहुंचे जैन अनुयायियों ने पारसनाथ पहाड़ स्थित स्वर्णभद्र टोंक पर निर्वाण लाडू चढ़ाया. 23 वें तीर्थांकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष सप्तमी के अवसर पर भीड़ उमड़ती है.

सम्मेद शिखर की पावन धरती मधुबन में मोक्ष सप्तमी के अवसर पर श्रद्धालुओं की हुजूम उमड़ पड़ी. रविवार को भगवान पार्श्वनाथ की 2800वां मोक्ष कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गयी. इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों से पहुंचे जैन अनुयायियों ने श्रद्धा भाव से पारसनाथ पहाड़ स्थित स्वर्णभद्र टोंक पर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया. बता दें कि जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्षकल्याणक दिवस यानी मोक्ष सप्तमी के अवसर पर मधुबन में जैन अनुयायियों की भीड़ उमड़ती है. शनिवार की रात दो बजे से ही श्रद्धालुओं का जत्था पारसनाथ वंदना के लिए निकलने लगा. जत्था में शामिल श्रद्धालुओं के जयकारा से पूरा शिखरजी गूंज रहा था.

धार्मिक अनुष्ठान का हुआ आयोजन

इस दौरान मधुबन में साधनारत जैन साधु-संतों के सानिध्य में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया. इसमें झारखंड के अलावा गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों से जैन अनुयायियों का जुटान हुआ है. 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के नाम से सिद्ध भूमि पर्वत प्रसिद्ध है. 1365 मीटर ऊंची शृंखलाबद्ध चोटियों वाला पारसनाथ पर्वत में सभी तीर्थंकरों के पद चिह्न हैं. लगभग तीन हजार वर्ष पूर्व जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ सबसे ऊंची चोटी स्वर्णभद्र टोंक पर निर्वाण को प्राप्त किया था. भगवान पार्श्वनाथ कर्मों की निर्जरा करते हुए सावन सुदी सप्तमी के दिन मोक्ष को प्राप्त किये थे. इसलिए सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत जैन धर्मावलंबियों के लिए आस्था का केंद्र है.

भजन मंडलियों ने प्रस्तुत किया कार्यक्रम

मोक्ष सप्तमी के अवसर पर पूरे मधुबन की सजाया गया है. इस दौरान कई जैन संस्थाओं में धार्मिक कार्यक्रम के अलावा भजन का भी आयोजन किया गया. अलग-अलग भजन मंडली की टीम ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया. भारतवर्षीय दिगंबर तीर्थक्षेत्र कमेटी मधुबन पारसनाथ पर्वत यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए जगह जगह चाय-नाश्ता, दूध, उकाली तथा स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रही थी. मधुबन को दुल्हन की तरह सजाया गया है. जगह-जगह तोरण द्वार लगाया गया है. भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जंबू प्रसाद जैन, जवाहरलाल जैन, राजकुमार अजमेरा, प्रभात शेट्टी, सुमन सिन्हा, देवेंद्र जैन समेत कई लोग यात्रियों की सुविधा उपलब्ध कराने में सक्रिय रहे.

नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया

मधुबन जैन समाज ने निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया. शिखरजी स्वच्छता समिति ने साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की थी. मधुबन की सभी गलियों में साफ-सफाई की गयी थी. मोक्ष सप्तमी को लेकर मधुबन की विभिन्न धर्मशाला में महीनों पूर्व बुक हो गये थे. इसके कारण इस बार भी सैकड़ों तीर्थयात्रियों को कमरा नहीं मिलने पर परेशानी हुई.

पेयजलापूर्ति ठप रहने से हुई परेशानी

चिरकी मधुबन पेयजलापूर्ति योजना विगत कई महीनों से बीच-बीच मे बाधित रहती है, लेकिन इस बार मोक्ष सप्तमी के अवसर पर भी जलापूर्ति बाधित रही. इसके कारण श्रद्धालुओं को काफी दिक्कती हुई. जाम से निजात को लेकर दिगंबर जैन हॉस्पिटल के समीप बैरियर लगा दिया गया था. रिंग रोड से तीन पहिया व चार पहिया वाहनों की आवाजाही हो रही थी.

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