इस मार्ग से प्रतिदिन रांची, हजारीबाग, देवघर, धनबाद, बोकारो, गोड्डा, दुमका, साहेबगंज, भागलपुर, सिल्लीगुड़ी और कोलकाता के लिए दर्जनों बसों का परिचालन होता है. सैकड़ों भारी वाहनों के आवागमन के साथ-साथ मरीजों को इलाज के लिए ले जाने वाले एम्बुलेंस का आना-जाना भी निरंतर लगा रहता है. स्थानीय लोगों की मानें तो जाम की वजह से कई बार मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाता है. इससे उनकी जान खतरे में पड़ जाती है. यात्रियों और व्यापारियों को भी इस जाम से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. विद्यालय आने जाने वालें नोनिहालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. रोड साइड में कहीं पार्किंग की व्यवस्था नही रहने के कारण बाइक व कर का पार्किंग रोड किनारे ही कर दिया जाना, रोड से सटकर दुकानदारी पसार दिया जाना और ऑटो, बस आदि सभी छोटे-बड़े यात्री वाहनों का बस पड़ाव के बजाय रोड पर ही ठहराव होना ही जाम का मुख्य कारण बताया जाता है. ऐसे में हर वक्त दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है. जानकारों की मानें तो इस मार्ग पर यातायात पुलिस की तैनाती हो तो जाम की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगां ने उपायुक्त से ट्रैफिक पुलिस तैनाती कर समस्या समाधान का अनुरोध किया है.
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