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पीरटांड़ में डायरिया का कहर, दर्जनों आक्रांत

पीरटांड़ में इस वर्ष भी डायरिया ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. अब तक मंटू हांसदा व सुनील कोल्ह की मौत हो चुकी है. हालांकि विभाग ने डायरिया से मौत की पुष्टि नहीं की है.

पीरटांड़ में इस वर्ष भी डायरिया ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. अब तक मंटू हांसदा (25 वर्ष) व सुनील कोल्ह( दो वर्ष), पिता बालेश्वर कोल्ह की मौत हो चुकी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया से उनकी मौत होने की पुष्टि नहीं की है. सिंदरपुर गांव में डायरिया फैलने की सूचना स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने ध्यान नहीं दिया और मंगलवार सुबह हॉस्पिटल लाते-लाते सुनील कोल्ह की मौत हो गयी. मृत बच्चे की मां सुनीता देवी भी गंभीर रूप से बीमार थी. हालांकि उसे बचा लिया गया. फिलहाल पीरटांड़ सीएचसी में दर्जन भर लोगों का इलाज चल रहा है. सभी की स्थिति सामान्य है. इधर, दो वर्षीय बच्चे की मौत के लिए सोशल मीडिया पर सिस्टम को दोषी ठहराया जा रहा है.

मां व दो वर्षीय बच्चे को खटिया पर टांग कर एंबुलेंस तक लाया

मंगलवार सुबह जब सिंदरपुर के दो वर्षीय बच्चे सुनील कोल्ह व उसकी मां की तबीयत अधिक खराब होने लगी तो आनन-फानन में स्थानीय लोगों ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया. एंबुलेंस रास्ता नहीं होने से चिरुडीह तक ही जा सका. सिंदरपुर गांव के लोग खटिया पर टांग कर मां व बच्चे को एंबुलेंस तक लाये, तब उन्हें सीएचसी भेजा गया. हालांकि मां बच गयी, परंतु बच्चे की जान चली गयी.

गंभीर लोगों को सीएचसी में कराया भर्ती

बहरहाल, पीरटांड़ के चतरो, सोबरनपुर व खुखरा पंचायत के सिंदरपुर गांव में डायरिया का कहर है. चतरो के छतनीबेड़ा में रविवार को मंटू हांसदा की मौत के बाद जिस तरह सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने जाकर वहां पीड़ित लोगों का इलाज किया और गंभीर लोगों को पीरटांड़ सीएचसी में भर्ती कराया, उसी तरह मंगलवार सुबह ही बच्चे की मौत के बाद मेडिकल टीम वहां गयी और लगभग एक दर्जन लोगों का इलाज किया गया. जबकि सात लोगों को एंबुलेंस से पीरटांड़ सीएचसी लाया गया, जहां सभी का इलाज चल रहा है.

बच्चे की मौत के बाद जागे पंसस

सिंदरपुर के दो वर्षीय सुनील कोल्ह की मौत जब हो गयी. तब खुखरा के पंचायत समिति सदस्य जागे और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन किया. तब मेडिकल टीम सिंदरपुर गांव पहुंची और लोगों का इलाज किया. मेडिकल टीम की जांच में पाया गया कि इस गांव में कई लोग डायरिया से आक्रांत हैं. तुईयो के पंसस सुशील हांसदा ने बताया कि चतरो में शनिवार से लोग डायरिया से पीड़ित थे. रविवार को जब मंटू की मौत हुई, तब उन्हें सूचना मिली. तुरंत अधिकारियों को फोन किया गया. फिर सोमवार से इलाज शुरू हुआ. सोमवार शाम को तीन लोगों की हालत खराब हो गयी, जिन्हें पुन: अस्पताल भेजा गया. कहा कि व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है. वहीं खुखरा पंसस केशव पाठक ने बताया कि जब सोमवार रात को स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिल गयी कि सिंदरपुर में डायरिया फैला है तो विभाग को ध्यान देना चाहिए था.

सावधानी बरतने की अपील

इस मामले में डॉ शशिकांत ने लोगों से सावधानी बरतने का अपील की है. डॉ शशिकांत ने कहा कि छतनीबेड़ा निवासी मंटू की मौत सांस की समस्या से हुई. सिंदरपुर के बच्चे की मौत भी डायरिया से नहीं हुई है. केवल दो बार शौच के बाद ही दो वर्षीय बच्चे सुनील की मौत हो गयी. जबकि दो बार शौच होने से ऐसी घटना नहीं होती है.

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