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जिला स्तरीय ठोस व तरल कचरा प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन

डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार गुरुवार को समाहरणालय सभागार कक्ष में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत जिला स्तरीय ठोस व तरल कचरा प्रबंधन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित वित्तीय वर्ष 2024-25 के लक्ष्य को पूरा करने की योजना की विस्तृत जानकारी दी गयी.

गिरिडीह. डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार गुरुवार को समाहरणालय सभागार कक्ष में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत जिला स्तरीय ठोस व तरल कचरा प्रबंधन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित वित्तीय वर्ष 2024-25 के लक्ष्य को पूरा करने की योजना की विस्तृत जानकारी दी गयी. जिले के सभी गांवों को पांच स्टार मॉडल घोषित करने के लिए प्रखंड से चयनित ग्राम में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन के लिए सोकपिट बनाने के संबंध में बताया गया. जानकारी दी गयी कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण टू अंतर्गत प्रत्येक घर में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन की सुविधा दी जानी है. इसके क्रियान्वयन के लिे विभिन्न प्रकार की संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत खुले में शौच मुक्त का स्थायित्व, व्यक्तिगत घरेलू शौचालय का निर्माण, सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण, खुले में शौच मुक्त के स्थायित्व हेतु प्रचार-प्रसार, आदि शामिल हैं. इसी प्रकार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट पिट, कम्पोस्ट पिट आदि का निर्माण कराया जा रहा है. तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत व सामुदायिक सोख्ता गड्डा, नाली का निर्माण आदि करना है. गोबर धन योजना के तहत विभिन्न स्तरों पर बायोगैस प्लांट का निर्माण भी किया जायेगा. प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए भी उपाय किये जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत बांस का घेरा, प्लास्टिक एकत्र करने, शेड का निर्माण आदि शामिल है. माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के लिए भस्मक का अधिष्ठापन व मलीय कचरा प्रबंधन के लिए सेप्टिक टैंक शौचालय के साथ सोख्ता गड्डा आदि की व्यवस्था की जा रही है.

ओडीएफ प्लस घोषित करने की दी गयी जानकारी

ओडीएफ प्लस की दी गयी जानकारी

इसके अतिरिक्त कार्यशाला में अवगत कराया गया कि पांच स्टार श्रेणी में किसी भी गांव को ओडीएफ प्लस घोषित करने हेतु आवश्यक व्यवस्था की जानी है. इसके अंतर्गत व्यक्तिगत स्तर पर लोगों के घरों में शौचालय की व्यवस्था, सामुदायिक स्तर मसलन विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत, घर में महिला व पुरुष के अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था, ठोस कचरा प्रबंधन के लिए समुदाय स्तर पर नाडेप, खाद, जैविक व घरेलू स्तर खाद गड्ढा की व्यवस्था, तरल कचरा प्रबंधनके लिए जल स्रोतों के साथ सोख्ता गड्ढा की व्यवस्था, ग्राम स्तर पर ठोस कचरा यानी प्लास्टिक कचरा, थर्मोकोल, कागज व अन्य के संग्रह के लिए संग्रह केंद्र तथा ठोस कचरा को संग्रह केंद्र पहुंचाने के लिए कचरा उठाव वाहन की व्यवस्था, ग्राम स्तर पर कचरा प्रबंधन संबंधित संदेश के लिे दीवार लेखन व चित्रण की व्यवस्था, सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार का जल जमाव, कूड़ा-कचरा का जमाव नहीं होना आवश्यक है. मौके पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी जहुर आलम, कार्यपालक अभियंता पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल मुकेश मंडल सहित सभी जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन व जल जीवन मिशन, सभी प्रखंडों के प्रखंड समन्वयक व मनरेगा बीपीओ तथा पंचायती राज विभाग के सभी प्रखंडों के प्रखंड समन्वयक आदि उपस्थित थे.

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