नावाडीह : लॉकडाउन के कारण नावाडीह प्रखंड के भलमारा पंचायत अंतर्गतत बारीडीह गांव में पूर्वी सिंहभूम जिला के 20 आदिवासी मजदूर फंसे हुए है. वहीं तीन युवक गिरिडीह जिले के देवरी गांव के है. सभी मजदूर बारीडीह में ट्रांसमिशन लाइन मे कार्यरत थे. सभी को ठेकेदार ने एक कमरे में बंद कर रखा है, जहां न तो शौचालय है और न शुद्ध पेयजल की सुविधा. सभी मजदूरों ने सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो व जिला प्रशासन से गांव भेजने की फरियाद की है.
ट्रांसमिशन के कार्य में लगे अनिल मुर्मू ने बताया : गत 13 मार्च को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटमदा थाना क्षेत्र के धधकीडीह, मुलबना, सुदंरपुर, लायाडीह के राजू सोरेन, मिलोन सोरेन, फुलमुनी मुर्मू, हिपी मुर्मू, रासमुनी बेसरा, सज सोरेन, सुकुरमनी मरांडी, बंसती मुर्मू, मुनझुड टुडू, बुधनी देवी, विजय किस्कू, गीता किस्कू, खोगेन बास्के, बाबुराम टुडू, सीता बास्कु सहित तीन नौनिहाल सुकूतला किस्कू छह वर्ष, पार्वती किस्कू व रीना किस्कू चार वर्ष को लेकर ठेकेदार वासदेव यादव के अधीन बतौर मजदूरी के लिए लाया गया था. 14 को बारिश होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका. 15 से 24 मार्च तक कार्य किया. इसी बीच 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा हो गयी. इस कारण हमलोग सभी फंसे हुए है. हमलोगों के साथ गिरिडीह जिले के देवरी थाना के किस्को पंचायत के संजय टुडू, सुरेंद्र किस्कू व राजेश मुर्मू भी शामिल हैं.