दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 27 प्रवासी मजदूरों को वेतन भुगतान हो गया है. चार दिनों में उनकी वतन वापसी होगी. मालूम रहे कि तीन माह से वेतन नहीं मिलने के कारण खाने-पीने में परेशानी संबंधित वीडियो वायरल होने के बाद भारत सरकार हरकत में आयी है. आखिरकार भारतीय दूतावास में की मदद से झारखंड के विभिन्न जिलों समेत सरिया के चिचाकी के फंसे मजदूर शुकर महतो की वतन वापसी को लेकर संबंधित कंपनी व मजदूरों के बीच सफल वार्ता हुई. इससे संबंधित जानकारी प्रवासी मजदूरों ने लिखित बयान जारी कर दिया है. कहा है कि उन्होंने आर्थिक समस्या से बीते तीन माह से जूझने के कारण एल एंड टी कंपनी के द्वारा अफ्रीका ले जाकर काम लेने के बाद भी मजदूरी उपलब्ध नहीं करने का वीडियो वायरल किया था, जो गलत था. लोगों ने अपनी भूल को स्वीकार करते हुए कहा है कि गलत जानकारी के कारण जारी किये गये वीडियो से भारत तथा कैमरून के मधुर संबंध को क्षति पहुंची है. उक्त मजदूरों को एल एंड टी कंपनी नहीं, बल्कि विनायक पावर नामक एजेंसी के माध्यम से अफ्रीका जाने की बात बतायी. इसका निष्पादन विनायक कंपनी तथा एल एंड टी कंपनी की मध्यस्थता के कारण सफल हो पाया और तीन माह का बकाया वेतन का भुगतान के साथ वतन वापसी का भी रास्ता साफ हो गया है. उक्त खबर की सूचना पर प्रवासी मजदूरों के परिवार में खुशी की लहर देखी जा रही है. इस कार्य के लिए परिजनों ने भारत सरकार के प्रति आभार जताया है.
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