खोरीमहुआ. घोड़थंभा में नव दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा महोत्सव के आखिरी दिन सोमवार को मां की प्रतिमा को मंदिर से बाहर निकाला गया. इसके बाद श्रद्धालुओं ने मां को कोछ दिया और महिलाओं ने सिंदूर खेलकर जय दुर्गे जय दुर्गे के नारे, ढोल मजीरों के धुन के साथ झूमते गाते करीब दो किलोमीटर दूर कोदवा अहार में मंगल आरती के साथ विसर्जन किया. इसके साथ ही 14 दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव का समापन हो गया. मौके पर समिति अध्यक्ष हरिहर पांडेय, अनिल पांडेय, जयप्रकाश साहा, कृष्णा वर्मा, अभिमन्यु शर्मा, अंजना राणा, प्रदीप योगी, मनोज बर्णवाल आदि उपस्थित थे.
मां दुर्गा को नम आंखों से दी गयी विदाई
नवरात्र संपन्न हो चुका है. इसके बाद सोमवार को नम आंखों से मां दुर्गा को विदायी दी गयी. पिछले नौ दिनों से नवरात्र में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जा रही थी. सोमवार को मां दुर्गा को विदाई देकर उनका विसर्जन कर दिया गया. गावां बाजार स्थित काली मंडा में महिलाओं ने सिंदूर खेला और मां दुर्गा को विदाई दी. इस दौरान महिलाओं ने ढाक की थाप पर नृत्य किया. अध्यक्ष टिकैत भवानी सिंह ने कहा कि मां का इंतजार साल भर रहता है. विदाई देते समय दुख होता है लेकिन खुशी इस बात की है कि मां अगले साल फिर आएंगी. कहा कि उन्होंने अपने परिवार के साथ ही पूरे गावां की सुख-समृद्धि की कामना की है. वहीं श्रद्धालु ललित पांडेय ने कहा कि पूरे नौ दिनों तक पूरे उत्साह और उमंग के साथ मां की पूजा की गई. इस दौरान उन्होंने परिवार और आने वाले लोगों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की है. सोमवार को विसर्जन के दौरान वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय नजर आया. मां दुर्गा की जय-जयकार से माहौल हर तरफ गुंजायमान हो रहा है. ढाक-ढोल की आवाज चारों ओर सुनाई दे रही है. वैसे तो सभी लोगों में काफी उमंग है पर महिलाओं में काफी उत्साह नजर आया. मंदिरों और पूजा पंडालों में सिंदूर खेल कर उन्होंने एक दूसरे को बधाई दी. सुहागिन महिलाएं एक दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाकर गले मिली. महिलाओं ने मां दुर्गा से अपने पति की लंबी उम्र की कामना की और समस्त समाज के लिए सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है