बाल संसद का गठन, बच्चों को दी कर्तव्य की जानकारी
झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक के निर्देशानुसार उमवि चंद्रमारणी में बाल संसद का गठन किया गया. इस दौरान बच्चों को उनके कर्तव्यों की जानकारी दी गयी.
झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक के निर्देशानुसार उमवि चंद्रमारणी में बाल संसद का गठन किया गया. सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री चंदन कुमार, स्वास्थ्य मंत्री रिशु कुमारी, रक्षा मंत्री रंजीत कुमार मंडल, पोषण मंत्री प्रियांशु कुमार, उपस्थित मंत्री अविनाश कुमार, शिक्षा मंत्री पीयूष कुमार मंडल, कौशल विकास मंत्री सृष्टि पांडेय, पर्यावरण मंत्री अजीत कुमार, खेलकूद व संस्कृति मंत्री अमन कुमार और संचार व संपर्क मंत्री जनार्दन प्रसाद बनाए गए. बाल संसद के चयनित सभी 11 सदस्यों को विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गुड़िया कुमारी ने उनके अधिकार व कर्तव्य का बोध कराया. उन्होंने बताया कि बाल संसद का गठन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किया जाता है. इसमें विद्यालय के शिक्षकों का सहयोग आवश्यक है. छात्रों के जीवन कौशल का विकास करने में बाल संसद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. शिक्षक की कमी की स्थिति में बाल संसद के सदस्य अपने वर्ग कक्ष में बच्चों को अनुशासित रहते हुए अध्ययन कराने में उन्हें सहयोग करेंगे. बाल संसद गठन से बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास होता है. किसी समस्या के निराकरण या अन्य विषयों पर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है. विद्यालय भवन विद्यालय, परिसर तथा सरकारी संपत्ति को साफ-सुथरा तथा सुरक्षित रखने में बाल संसद की भूमिका अति महत्वपूर्ण है. विद्यालय को आनंददाई बनाने तथा इसकी गतिविधियों एवं प्रबंधन में बाल संसद के सदस्य अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे जिसका लाभ विद्यालय में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को मिलेगा. बाल संसद के चयनित छात्रों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियां पूर्ण रूप से उठाने हेतु शपथ भी लिया. इस मौके पर विद्यालय के शिक्षकों द्वारा सभी चयनित बच्चों को पुष्प कुछ देकर सम्मानित किया गया. बाल संसद गठन का नेतृत्व सहायक अध्यापिका किरण वर्मा ने किया. मौके पर विद्यालय के सभी शिक्षक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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