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Giridih News : 29 लाख का बिजली बिल बकाया, विभाग ने काटा पानी टंकी का कनेक्शन

Giridih News : कपिलो पंचायत के चानो में 16 करोड़ रुपये की लागत से पानी टंकी का निर्माण कराया गया है. लेकिन संवेदक द्वारा बकाया बिजली बिल 29 लाख रुपये जमा नहीं किये जाने विभाग ने बिजली कनेक्शन काट दियाहै.

By Prabhat Khabar News Desk | November 4, 2024 10:48 PM

जमीनी हकीकत

संवेदक की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे कपिलो, दलांगी, बंगराकला व परड़िया के ग्रामीण

ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना हर घर नल के तहत राष्ट्रीय अवार्डेड बिरनी प्रखंड की पंचायत कपिलो, दलांगी, बंगराकला व पड़रिया के 16 गांव के ग्रामीण जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर कपिलो पंचायत के चानो में 16 करोड़ रुपये की लागत से पानी टंकी का निर्माण कराया गया है. लेकिन संवेदक द्वारा बकाया बिजली बिल 29 लाख रुपये जमा नहीं किये जाने की वजह से बिजली विभाग ने बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है. संवेदक की मनमानी रवैया व विभागीय अधिकारियों की लचर व्यवस्था के कारण ग्रामीणों को एक वर्ष से शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. वही केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फ्लॉप साबित हो रही है. बावजूद इस ओर न तो अधिकारियों का ध्यान है और न ही जनप्रतिनिधियों का. बता दें कि पानी टंकी से नियमित पानी आपूर्ति को लेकर कई बार विभागीय अधिकारी कपिलों पंचायत के मुखिया मुकेश यादव समेत गणमान्य लोगों के साथ बैठक की. इस दौरान अधिकारियों ने पानी टंकी को जल स्वच्छता समिति को हैंड ओवर लेने को कहा. इसपर मुखिया मुकेश यादव ने संवेदक से बकाया बिजली बिल जमा करते हुए जहां-जहां पानी नहीं पहुंच पा रहा है, उसे दुरुस्त कराने की बात कही. इसके बाद से अधिकारी चुप्पी साध लिए है और इसका परिणाम 16 गांव के लगभग 10 हजार आबादी चानो, रजमनिया, बृन्दा, कपिलो, रूपायडीह, पन्दनाकला, बंगराकला, नावाडीह, पारडीह, दलांगी, गुडिटांड़, बाराटांड़, मनिहारी, बेहराबाद, लेबरा के ग्रामीण जनता भुगत रही है.

क्या कहते हैं लोग

बंगराकला पंचायत के सुखदेव साव, सूरज मोदी, सुरेंद्र मोदी, बिजय कुमार साव आदि ने बताया कि विभागीय व संवेदक की लापरवाही के कारण 16 करोड़ की लागत से बनायी गयी पानी टंकी बेकार पड़ी हुई है. लोगों को एक साल से पानी नहीं मिल पा रहा है. कहा कि संवेदक अगर बकाया बिजली बिल जमा कर देता है तो बिजली कनेक्शन जुड़ जाता और लोगों को शुद्ध पेयजल मिल पाता. पानी टंकी बनने का जो सपना लोगों ने देखा तो वह बेकार साबित हो रही है.

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