Giridih News: गिरिडीह में गजराज ने मचाया उत्पात, स्कूल पर बोला हमला, ग्रामीणों को दौड़ाया

गिरिडीह में झुंड से बिछड़े हाथी ने बगोदर में उत्पात मचा कर रखा है. यह हाथी लगातार किसानों की फसल को बर्बाद कर रहा है.

By Kunal Kishore | September 20, 2024 1:37 PM
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Giridih News, कुमार गौरव : गिरिडीह के बगोदर में गुरुवार की देर रात बगोदर इलाके में झुंड से बिछड़े हाथी के द्वारा लगातार उत्पात मचाया जा रहा है. हाथी के द्वारा चौधरीबांध पंचायत के दो गाँव घोसको और भागलपुर में किसानों के फसलों को रौंद दिया हैं. वही किसानो के बारी का चाहरदिवारी तोड़ दिया है.

ग्रामीणों ने मशाल जलाकर भगाने का प्रयास किया

बता दे कि हाथी गुरुवार की देर रात दोंदलो पंचायत में प्रवेश कर गयी. जहां स्थानीय लोगों ने हाथी को ढोल बजा कर और मशाल जला कर भगाने का प्रयास किया गया. लेकिन हाथी ग्रामीणों को दौड़ाने लगे. जिससे ग्रामीण भाग कर जान बचाने का प्रयास किया. इधर हाथी को ग्रामीणों के द्वारा खदेड़े जाने के बाद चौधरीबांध पंचायत के घोसको और भागलपुर जा पहुंचा. जहां हाथी ने कई किसानों के फसलों को रौंद दिया है.

हाथी ने स्कूल में किया प्रवेश

साथ ही उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय घोसको के तीन गेट को तोड़ दिया है. हाथी गाँव के जब्बार अंसारी का बारी चाहरदिवारी तोड़ कर लगे मक्का, भिंडी मडुवा के फसलों को रौंद दिया है. वहीं गांव के साकिर अंसारी का भी बारी का चाहरदिवारी को तोड़ कर तैयार मकई को नस्ट कर दिया है. इसके अलावे खजमुद्दीन अंसारी, जमाल अंसारी के खेतों में लगे मकई को नस्ट कर नुकसान पहुँचाया हैं. इधर पंचायत समिति सदस्य बसारत अंसारी ने बताया कि हाथी के गांव घुसने की सूचना वन विभाग को दी गयी.

वन विभाग मौके से नदारद

लेकिन इसके बाद भी वन विभाग गांव पहुँचना मुनासिब नहीं समझा. हाथी को ग्रामीण अपने स्तर से भगाये हैं. लेकिन अभी गांव के जंगल में हाथी डेरा डाले हुए हैं. बता दे कि यह हाथी बीते एक साल बगोदर- सरिया, विष्णुगढ़ इलाके में हैं. जो कि रात में भोजन की तलाश में कई घरों को और किसानों के फसलों को बर्बाद कर देता है. लेकिन वन विभाग ने अब- तक इन किसानों को मुआवजा नहीं दी है. जिससे किसानों में आक्रोश के साथ हाथी के उत्पात से भय भी हैं. बता दे कि हाथी पैर से जख्मी हो चुका है. जिससे गाँव के टोले मुहल्ले में विचरण करते रहता है और लगातार उत्पात मचा रहा है. जिससे ग्रामीण डरे और सहमे हैं.

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