सदर प्रखंड में घुसे हाथी, आधा दर्जन घरों को किया क्षतिग्रस्त
पीरटांड़ प्रखंड में उत्पात मचाने के बाद 22 हाथियों का झुंड सदर प्रखंड स्थित पालमो पंचायत के मंझलाडीह गांव में घुस गया. रविवार की रात यहां यहां पर झुंड ने सात घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. घर के अंदर रखे अनाज को चट कर गये, जबकि फसलों को भी नुकसान पहुंचाया गया है.
गिरिडीह : पीरटांड़ प्रखंड में उत्पात मचाने के बाद 22 हाथियों का झुंड सदर प्रखंड स्थित पालमो पंचायत के मंझलाडीह गांव में घुस गया. रविवार की रात यहां यहां पर झुंड ने सात घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. घर के अंदर रखे अनाज को चट कर गये, जबकि फसलों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. रविवार की रात ग्रामीण अपने घरों में सोये हुए थे. करीब एक बजे झुंड ने आकर अचानक घरों को तोड़ना शुरू कर दिया. इससे गांव में अफरा-तफरी मच गयी. भयभीत लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गये थे.
इसके बाद लोग एक जगह इकट्ठा हो गये और हाथियों को भगाने के प्रयास में जुट गये. स्थानीय सुरेश हेंब्रम ने बताया जाता है कि जिस वक्त हाथी उत्पात कर रहे थे उस वक्त आवाज सुनकर उनकी नींद खुल गयी. वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दूसरे कमरे में चले गये. इस बीच हाथियों ने उनके घर में रखे अनाज को खा लिया और निकल गये. ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना विभाग को दी. सुबह करीब पांच बजे बाद वन विभाग की टीम पहुंची और किसी तरह से हाथियों के झुंड को खदेड़ा गया. फिलहाल हाथियों का झुंड गांव के
विधायक ने भी ली जानकारी : गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने इस मामले की जानकारी ली. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि जल्द से जल्द हाथियों के झुंड को इलाके से बाहल निकाला जाये.
झामुमो ने पीड़ित परिवारों को उपलब्ध कराया गया अनाज : हाथियों के उत्पात की सूचना पर सोमवार को झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ मंझलाडीह गांव पहुंचे. उन्होंने तत्काल प्रभावित लोगों को 50-50 किलो चावल, चूड़ा व एक-एक कंबल दिया. उन्होंने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया कि उन्हें सरकारी मुआवजा दिलाया जायेगा. मौके पर बबली मरांडी, हरगौरी साहू छक्कू, दिलीप रजक, कौलेश्वर सोरेन, गौरव कुमार, अभय कुमार सिंह, जीतेंद्र पांडेय, सुरेंद्र यादव आदि मौजूद थे.
रतजगा करने को विवश हैं ग्रामीण : जिले में हाथियों का आतंक थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. सालों भर हाथियों का झुंड यहां के पीरटांड़, डुुमरी, सरिया-बगोदर समेत कई प्रखंडों में उत्पात मचाता रहता है. हाथियों के घुसने के बाद ग्रामीण रतजगा करने को विवश हो जाते हैं. उन्हें डर सताता है कि पता नहीं कब झुंड किधर से आकर उनके घरों पर हमला कर दे. हाथी उनके घरों को तो नुकसान पहुंचाते ही हैं, साथ ही मेहनत से उपजायी गयी फसल को भी नष्ट कर देते हैं. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.