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दस्त रोकथाम को ओआरएस व जिंक के उपयोग पर दिया बल

डायरिया से शिशु मृत्यु दर शून्य करने व कुपोषण कम करने का अभियान शुरू

प्रतिनिधि, गिरिडीह.

मंगलवार को चैताडीह अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने डायरिया से शिशु मृत्यु को शून्य करने एवं बच्चों में कुपोषण को कम करने हेतु जिले में दस्त रोकथाम अभियान की शुरुआत की. सीएस डॉ मिश्रा ने बताया कि एक जुलाई से शुरू यह अभियान 31 अगस्त 2024 तक चलेगा. अभियान का मुख्य उद्देश्य डायरिया की जानकारी एवं डायरिया की रोकथाम को लेकर ओआरएस तथा जिंक के ससमय उपयोग को लेकर लोगों को जागरूक किया जाना है. इसके लिए आमजनों में व्यापक जागरूक करने की जरूरत है.

दायित्वों के निर्वाह का निर्देश :

सीएस ने कहा कि दस्त रोकथाम अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर सभी अधिकारियों एवं कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है एवं उन्हें दायित्वों का निर्वहन करने का निर्देश दिया गया है. इस दौरान डीपीएम, एनएचएम समेत अन्य संबंधित अधिकारी/कर्मी उपस्थित थे.

दिये गये कई सुझाव :

डायरिया के संक्रमण से बच्चे की सुरक्षा के उपाय : सफाई और स्वच्छता, पीने का स्वच्छ पानी, पहले छह महीने के लिए विशेष स्तनपान, विटामिन ए की खुराक, लो-ऑस्मोलैरिटी ओआरएस, जिंक और निरंतर खान-पान, रोटावायरस से बचाव के लिए टीकाकरण.

सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा (आइडीसीएफ) : हाथों को साबुन से कब धोएं, शौचालय जाने के बाद, कूड़ा या जानवरों को छूने के बाद, बच्चों का मल साफ करने के बाद, खाना पकाने से पहले, खाने से पहले व बच्चों को खाना खिलाने से पहले.

डायरिया के डिहाइड्रेशन में बदलने का इंतजार क्यों :

तत्काल ओआरएस और जिंक लेना शुरू कर देना जरूरी है. एक दिन में तीन या तीन से ज़्यादा बार दस्त होने को डायरिया कहते हैं. दस्त से शरीर में पानी की कमी हो जाती है.

दस्त से बचाव :

खाना बनाने से पहले, बच्चों को खाना खिलाने के बाद, शौच के बाद और बच्चे का मल-मूत्र साफ करने के बाद अपने हाथों को साबुन से धोना जरूरी है. यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि पीने का पानी साफ हो और एक सुरक्षित व ढंके हुए कंटेनर में रखा हो. हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करना चाहिए, खुले में शौच से बचना चाहिए.

दस्त का इलाज :

ओआरएस के एक पैकेट को एक लीटर साफ पानी में घोलना चाहिए. दस्त शुरू होते ही और दस्त के प्रत्येक प्रकरण के बाद बच्चे को तुरंत ओआरएस देना चाहिए. एक चम्मच पानी में या मां के दूध में जिंक की गोली मिलाकर बच्चे को दिन में एक बार पूरे 14 दिनों तक देना जरूरी है. दस्त के दौरान और बाद में बच्चे को खिलाते रहना चाहिए और स्तनपान भी जारी रखना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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