Giridih News : पैक्स की है जटिल प्रक्रिया, व्यापारियों के पास धान बेच रहे किसान

Giridih News :पैक्सों में धान जमा करने से लेकर भुगतान की जटिल प्रक्रिया के कारण क्षेत्र के किसान पैक्स में धान बेचने की जगह व्यापारियों के पास बेचने को मजबूर हैं. इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2024 10:42 PM

खेती-किसानी. जमा करने से राशि भुगतान में कृषकों को हो रही परेशानी

पैक्सों में धान जमा करने से लेकर भुगतान की जटिल प्रक्रिया के कारण क्षेत्र के किसान पैक्स में धान बेचने की जगह व्यापारियों के पास बेचने को मजबूर हैं. पैक्स में धान खरीदी के लिए सरकार के द्वारा 2400 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित है. बावजूद इसके किसान पैक्स में धान जमा करने की जगह 1700 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से व्यापारियों के पास धान बेचना उचित समझ रहे हैं. कृषक मित्र अशोक राय, किसान जयप्रकाश देव, शुक्कर शर्मा, अनिल सिंह, कपिलदेव राय, राजकुमार वर्मा, उमेश वर्मा, सीताराम साव आदि पैक्स में धान जमा करने के एक सप्ताह के अंदर राशि भुगतान कराना सुनिश्चित करवाने की मांग की है.

राइस मिल संचालकों की मनमानी

कृषकों का कहना है की पैक्स में धान जमा करने के बाद महीनों चक्कर लगाने के बाद राशि भुगतान हो पाता है. कई किसान को धान जमा करने के एक वर्ष बाद भी राशि नहीं मिलती है. वहीं, धान जमा कराने के समय पैक्स में करवाये गये वजन के अनुसार भुगतान करने की जगह राइस मिल संचालकों के द्वारा मनमानी रवैया अपनाकर नमी के नाम पर प्रति क्विंटल पांच किलो की कटौती की जाती है. राशि भुगतान में विलंब व नमी के नाम पर कटौती की वजह से किसान पैक्स की जगह व्यापारियों के पास धान बेच रहे हैं.

केस स्टडी 1

देवरी प्रखंड की बांसडीह पंचायत के पुरनीसांखो गांव की पुष्पा देवी के मुताबिक जनवरी 2023 में पैक्स में 15 क्विंटल धान जमा किया था. पहली किस्त की राशि मिल गयी. द्वितीय किस्त की राशि अभी तक नहीं मिली है. बार बार आग्रह करने के बाद भी दूसरी किस्त की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

केस स्टडी 2

कुंलमनडीह गांव के किसान रामस्वरूप तिवारी ने बताया की वर्ष 2023 में पैक्स में 80 क्विंटल धान जमा किए जमा किए प्रथम किस्त की राशि मिली. द्वितीय किस्त की राशि अब तक नही मील पायी है. राशि मिलने की वजह से इस बार पैक्स में धान नही जमा कर रहे हैं.

क्या कहते हैं लोग

धान क्रय के लिए पैक्स में जमा करने के साथ हीं भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए. राशि भुगतान में महीनों तक विलंब करने के कारण कृषकों का पैक्स से मोहभंग हो रहा है. कम दर में भी किसान व्यापारियों के पास धान बेचने पर मजबूर हैं.

जयप्रकाश देव, पुरनीसांखो

समय पर राशि नही मिलने के कारण किसान पैक्स में धान जमा करने की जगह नजदीकी दुकान व व्यापारी के पास धान बेचने को बाध्य हो रहे हैं. पैक्स में धान जमा करने के एक सप्ताह के अंदर राशि भुगतान करवाने की पहल होनी चाहिए.

राजकुमार वर्मा, बेड़ोडीह

पैक्स से समय पर राशि नहीं मिलने के कारण के कारण महज 10 फीसदी किसान ही पैक्स में धान जमा करते हैं. पिछले वर्ष धान भुगतान करने वाले किसानों को राशि भुगतान नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसलिए किसान सरकारी दर से कम पर धान बेच रहे हैं.

मनोज कुमार राय, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष

पैक्स में किसान को समय भुगतान के साथ नमी के नाम पर वजन में कटौती बंद की जाये. साथ ही सुदूरवर्ती इलाके में पैक्स में धान खरीदारी सुनिश्चित करवाने का कार्य हो, तब जाकर किसान को सरकार की योजना का लाभ मिल पायेगा.

अजीत शर्मा, चिरुडीह

क्या कहते हैं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी

देवरी के प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी कमल सिंह ने बताया की किसान के द्वारा पैक्स में धान जमा करने के बाद पैक्स अध्यक्ष भुगतान के लिए एडवाइस डीएसओ कार्यालय भेजते हैं. एडवाइस भेजने के साथ ही प्रथम किस्त की राशि का भुगतान किया जाता है. दूसरा एडवाइस भेजते ही दूसरी किस्त की राशि का भुगतान करवा दिया जायेगा. भुगतान में विलंब हो सकता है, लेकिन किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होने दी जायेगा. नमी के नाम पर भी कटौती नहीं किया जाना है. पैक्सों में नमी मापने के लिए यंत्र उपलब्ध करवाया गया है.

(श्रवण कुमार, देवरी)

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