सरिया.
रोहणी नक्षत्र खरीफ फसल के लिए उपयुक्त माना जाता है. इस नक्षत्र के आते ही किसानों में खुशी की लहर देखी जाती है. धान के बीज की बुआई के लिए किसान अपने खेतों की जुताई में लग गये हैं ताकि समय पर धान, मकई, मूंग, उरद, अरहर, मड़ुवा आदि की बुआई की जा सके. बाजार की दुकानों में ऊंचे दामों पर विभिन्न किस्म के धान, मकई आदि फसलों के बीज उपलब्ध हैं, पर अधिकतर किसान आर्थिक तंगी के कारण आज भी सरकारी दर पर बीजों की उपलब्धता पर आश्रित हैं.फसलों की बुआई का अनुकूल समय :
रोहिणी नक्षत्र सूर्य प्रवेश कर चुका है. खरीफ फसलों की बुआई का यह उत्तम समय है. यह अवधि आर्द्रा नक्षत्र तक चलती है. किसान बीज बोने के लिए अपने स्तर से तैयार हैं, पर अब तक सरकारी दर पर धान के बीज उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. किसानों की मानें तो ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का मूल आधार खेती है. जैसे खरीफ फसल भी किसान बढ़-चढ़कर अपने खेतों में लगाते हैं. सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर सस्ती दर पर इन फसलों के बीज की व्यवस्था किसानों के लिए करती है. इस वर्ष अब तक सरकारी दर पर धान-मकई,अरहर आदि के बीज का आवंटन नहीं कराया जा सका है. इससे किसान परेशान हैं. विभाग से अविलंब सरकारी दर पर बीज उपलब्ध कराने की मांग की है.जिलास्तरीय बैठक के बाद होगा आवंटन : बीटीएम
प्रखंड तकनीकी प्रबंधक (बीटीएम) सरिया गोविंद महतो ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर कर्मियों की व्यस्तता के कारण धान के बीज की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. सोमवार को इस संबंध में जिलास्तरीय बैठक आयोजित की गयी है. इसके बाद सस्ती दर पर धान का बीज आवंटित किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है