छह सूत्री मांगों को लेकर झारखंड लोकल बॉडीज इम्पलाइज फेडरेशन की हड़ताल जारी है. सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के कारण कार्यालय में छुट्टी रही. हालांकि, मंगलवार से हड़ताली कर्मचारी आंदोलनरत रहेंगे. हड़ताल के कारण एक ओर जहां नगर निगम कार्यालय का कामकाज पूरी तरीके से ठप है, वहीं दूसरी ओर नागरिक सुविधा भी बाधित हो गयी है. कर्मचारियों का कहना है कि बार-बार आश्वासन देने के बाद भी राज्य सरकार ने उन लोगों की मांगों की पूर्ति नहीं कर रही है. मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से फेडरेशन के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. इसके तहत एक ओर जहां मशाल जुलूस निकाला गया, वहीं दूसरी ओर हड़ताल के माध्यम से सरकार के कानों तक अपनी मांगों को पहुंचाने का प्रयास तेज किया है. फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि जब तक उन लोगों की मांगों की पूर्ति नहीं होती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. इधर, हड़ताल के कारण नगर निगम क्षेत्र में सफाई कार्य तो बाधित है. साथ ही टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति भी ठप है. यदि किसी को टैंकर से जलापूर्ति की जरूरत है, तो फिलहाल उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पा रही है. कई ऐसे लोग हैं जो निजी कार्य से नगर निगम के कार्यालय पहुंचते हैं, लेकिन कार्यालय बंद रहने के कारण उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ता है. जहां तक संवेदकों की बात है, तो कई संवेदक अपनी कागजी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए संबंधित पदाधिकारी के पास दौड़ लगा रहे हैं. हालांकि, फेडरेशन के नेताओं का कहना है कि इस पर उनकी नजर है. उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान किसी तरह से कोई कार्य नहीं करना है.
कचरे का लगता जा रहा है ढेर
शहरी क्षेत्र के कई इलाकों में कचरे का ढेर लगता जा रहा है. नगर निगम क्षेत्र के पचंबा, बिशनपुर, बोड़ो, अलकापुरी, भंडारीडीह, कचहरी रोड, बक्शीडीह, बरगंडा, मकतपुर, मोहलीचुआं, बाभनटोली, बरवाडीह सहित अन्य क्षेत्र में गंदगी पसरी हुई है. मुख्य सड़कों के अलावे मुहल्लों की सड़कों के अगल-बगल कचरे का ढेर लगता जा रहा है. बरसात में कचरे का ढेर परेशानी का सबब बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कचरा की वजह से एक ओर जहां बदबू फैल रही है, वहीं दूसरी ओर मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है. शाम होने के साथ लोग मच्छर की समस्या से परेशान दिखते हैं. लोगों का कहना है कि नालियां बजबजा रही हैं. बारिश के कारण नाली का गंदा पानी कचरा सहित सड़कों पर बहने लगता है. इस वजह से कचरों से होकर गुजरना विवशता है. इससे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोग राज्य सरकार से हड़ताल समाप्त करने के लिए जल्द पहल करने की मांग कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है