तीन शिक्षकों के भरोसे हैं पांच सौ विद्यार्थी
गावां प्रखंड स्थित अमतरो पंचायत का उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरमसिया मात्र तीन शिक्षकों के भरोसे संचालित है. उक्त विद्यालय प्रखंड मुख्यालय से लगभग 10 किमी की दूरी पर सुदूर वन व पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है.
अनदेखी. शिक्षकों की कमी के बावजूद तीन शिक्षकों की की गयी अन्यत्र प्रतिनियुक्ति
हाल उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरमसिया का, जर्जर भवन में चल रहा विद्यालय
गावां.
गावां प्रखंड स्थित अमतरो पंचायत का उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरमसिया मात्र तीन शिक्षकों के भरोसे संचालित है. उक्त विद्यालय प्रखंड मुख्यालय से लगभग 10 किमी की दूरी पर सुदूर वन व पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है. यह क्षेत्र अनुसूचित जनजातीय बहुल है. विद्यालय में कक्षा प्रथम से दशम तक पांच सौ से अधिक छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया गया है.कक्षा संचालन के लिए मात्र दो शिक्षक : इस समय विद्यालय में आठवीं तक के लिए दो शिक्षक देवेंद्र कुमार सिंह व प्रेम कुमार सिंह पदस्थापित हैं. नौवीं व दसवीं के लिए मात्र एक शिक्षक गौरव कुमार का पदस्थापन किया गया है. प्रधानाध्यापक का प्रभार देवेंद्र कुमार सिंह को दिया गया है. दृष्टिदोष के कारण फिलहाल वे अध्यापन नहीं कर पा रहे हैं. फलत: कक्षा संचालन मात्र दो शिक्षकों के भरोसे रह गया है.
विद्यालय बना कागजी खानापूर्ति का जरिया :
शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालय मात्र कागजी खानापूर्ति का माध्यम बनकर रह गया है. विद्यालय में अध्यापन कार्य घंटी व विषय के अनुसार नहीं होने के कारण विद्यार्थी स्कूल आने से कतराते हैं. प्राइमरी कक्षाएं केवल मध्याह्न भोजन तक ही सीमित होकर रह गया है. कुछ सक्षम अभिभावक अपने बच्चों को गावां आदि स्थानों में कोचिंग करवाते हैं. निर्धन बच्चे शिक्षण से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में बच्चों के साथ भारी नाइंसाफी हो रही है.तीन शिक्षकों का बाहर भेजा जाना जांच का विषय :
यहां नौवीं-दसवीं के लिए कुल चार शिक्षकों का पदस्थापन किया गया था. इससे विद्यालय की शैक्षिक स्थिति सुधरी थी. कुछ माह पूर्व यहां के तीन शिक्षकों को अन्यत्र प्रतिनियुक्त कर दिया गया. अब उच्च विद्यालय के लिए एक शिक्षक रह गये हैं. अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी के बावजूद तीन शिक्षकों को बाहर भेज दिया जाना यहां के बच्चों के साथ घोर अन्याय है. यह जांच का विषय है.जर्जर भवन में चलती है कक्षा
विद्यालय का उत्क्रमण उच्च विद्यालय के रूप में कर तो किया गया, पर भवन नहीं बनवाया गया है. फिलहाल विद्यालय का संचालन काफी जर्जर व संकीर्ण भवन में हो रहा है. विद्यालय के बरामदे व कमरों का फर्श उखड़ गया है. ढलाई भी टूटकर गिरती रहती है, जिससे हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है. प्रयोगशाला व पुस्तकालय के लिए उपलब्ध कराई गई सामग्री देखरेख के अभाव में खराब होती जा रही है. विद्यालय के सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में होने के कारण, वहां निरीक्षण आदि का कार्य नहीं के बराबर हो पाता है. इससे वहां अपेक्षित सुधार नहीं हो पा रहा है. ग्रामीणों ने भवन व शिक्षकों की बहाली को लेकर विभाग को आवेदन भी दिया है, पर इस दिशा में पहल नहीं होने से ग्रामीण आक्रोशित है.जनप्रतिनिधियों का कहना है
प्रखंड मुख्यालय से दूर होने के कारण बरमसिया के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते थे. फलत: विद्यालय उच्च विद्यालय के रूप में उत्क्रमित कर दिया गया. यह क्षेत्र करीब एक दशक पहले भीषण उग्रवाद की चपेट में था. ग्रामीणों की एकता ने यहां शांति कायम की है. यहां उवि की मंजूरी तो मिली, पर भवन व शिक्षकों के अभाव में बच्चे इससे लाभान्वित नहीं हो पाते हैं. मामले को ले जनांदोलन की चेतावनी दी गयी है.पवन कुमार चौधरी,
जिप सदस्य, गावां उत्तरी भागस्कूल में शिक्षकों का पदस्थापित नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्यालय का उत्क्रमण उवि के रूप में किया गया है. विभाग के द्वारा यहां शिक्षकों का पदस्थापन नहीं किया जाना भारी विभागीय उदासीनता को दर्शाता है. क्षेत्र में अधिकांश जनजातीय व निर्धन परिवार रहते हैं, बावजूद इसके क्षेत्र की उपेक्षा चिंता का विषय है.
मुन्ना सिंह,
विधायक प्रतिनिधि, गावांविभाग से पत्राचार किया गया है : बीइइओमामले में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी तितुलाल मंडल ने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी के बाबत विभाग को पत्राचार किया गया है. विद्यालय में प्रधानाध्यापक के प्रभार को भी बदलने के लिए वरीय पदाधिकारी को लिखा गया है. शिक्षकों की नियुक्ति के बाद व्यवस्था में सुधार होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है