गावां प्रखंड की पिहरा पश्चिमी पंचायत स्थित खेरडा वन विभाग का बीट कार्यालय उपेक्षा का दंश झेल रहा है. यह कार्यालय खेरडा मोड़ से बासोडीह पथ पर पंचायत भवन में बगल में स्थित है. भवन की स्थिति जर्जर हो गयी है. कर्मियों के नहीं रहने का कारण भवन के दरवाजे-खिड़की आदि की चोरी हो चुकी है. वहीं, यह स्थल शराबियों व असमाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. दो दशक पूर्व यहां वन विभाग के वनकर्मी स्थायी रूप से रहकर वन क्षेत्रों की देखभाल व निगरानी करते थे. उक्त भवन पेड़-पौधे व बांस से घिरा हुआ था. वहीं, अंदर में लगे फूल परिसर की शोभा बढ़ा रहे थे. बीच-बीच में भी कर्मी आते-जाते रहते थे, लेकिन वर्तमान समय में यह स्थान पूरी तरह उपेक्षित पड़ा हुआ है.
गिरिडीह व कोडरमा की सीमा पर स्थित है कार्यालय
उक्त कार्यालय गिरिडीह व कोडरमा जिले की सीमा पर स्थित है. यहां से लगभग तीन किमी की दूरी पर कोडरमा जिले की सीमा है. आसपास पहाड़ी शृंखला व घने वन क्षेत्र हैं. कार्यालय के बंद हो जाने से पेड़ों की कटाई में वृद्धि हुई है. क्षेत्र में लगातार हो रहे पेड़ों की कटाई के कारण वन क्षेत्र सिमटता जा रहा है. रात में क्षेत्र से कीमती लकड़ियों की भी तस्करी की जाती है. यहां से लगभग पांच किमी की दूरी पर दौनैया मोड़ में कोडरमा जिले के सतगावां थान क्षेत्र का वन विभाग का बिट कार्यालय है, जो अपने क्षेत्र की 24 घंटे निगरानी करता है. गावां प्रखंड की सीमा क्षेत्र में स्थित उक्त बिट कार्यालय के बंद हो जाने से क्षेत्र में वन पदार्थों की तस्करी आदि में वृद्धि हुई है. वहीं आसपास की जमीन का तेजी से फर्जी कागजात के सहारे अतिक्रमण भी किया जा रहा है. समय रहते यदि विभाग इस दिशा में ठोस पहल नहीं करता है, तो भवन का अस्तितिव भी समाप्त हो सकता है.निरीक्षण कर वरीय अधिकारियों को दी जायेगी सूचना : रेंजर
मामले में रेंजर अनिल कुमार ने कहा कि वह स्थल पर आकर भवन का निरीक्षण कर वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना देंगे. फिलहाल क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग कर क्षेत्र की निगरानी की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है