शहरी क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है कचरे का ढेर
छह सूत्री मांगों को लेकर झारखंड लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन की हड़ताल शुक्रवार को आठवें दिन भी जारी रही. हड़ताल की वजह से शहरी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है. नगर निगम का सफाई अभियान ठप रहने के कारण कई क्षेत्र में कचरे का ढेर लग रहा है.
नगर निगम. आठवें दिन भी जारी रहा झारखंड लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन की हड़ताल
गिरिडीह.
छह सूत्री मांगों को लेकर झारखंड लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन की हड़ताल शुक्रवार को आठवें दिन भी जारी रही. हड़ताल की वजह से शहरी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है. नगर निगम का सफाई अभियान ठप रहने के कारण कई क्षेत्र में कचरे का ढेर लग रहा है. इससे आमलोगों की परेशानी बढ़ती जारही है. वहीं, दूसरी ओर सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप है. मालूम रहे कि निगम में कार्यरत श्रमिक, दैनिक कर्मी व मानदेय कर्मी की सेवा नियमित करने, निकाय कर्मी के वेतन भुगतान के लिए सरकार अपने स्तर से शत प्रतिशत आवंटन देने, निकाय में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों का भुगतान सरकारी कोष से करने, निगम के उच्च पदों पर निकाय कर्मियों को प्रोन्नति, आउटसोर्सिंग मजदूरों के मजदूरी का भुगतान सरकारी स्तर पर सीधे करने, जीवन बीमा व चिकित्सा का लाभ देने की मांग को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर हैं. फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मांगों की पूर्ति तक हड़ताल जारी रहेगी. श्री सिंह ने कहा किआउटसोर्सिंग कंपनी में कार्यरत कर्मियों ने भी हड़ताल का नैतिक समर्थन किया है. हड़ताल के कारण बरवाडीह, बाभनटोली, हरसिंगरायडीह, बरवाडीह, पचंबा, बिशनपुर, अलकापुरी, भंडारीडीह, कचहरी रोड, बक्शीडीह, मकतपुर, कचहरी रोड, पंजाबी मुहल्ला समेत अन्य क्षेत्र में गंदगी पसरी हुई है. मुख्य सड़कों के अलावा मुहल्लों की सड़कों के अगल-बगल भी कचरे का ढेर जमा हो रहा है.बॉक्समुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नहीं संभल रहा राजपाट : भाजपाभाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चुन्नूकांत ने कहा कि नगर निगम सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी अपनी-अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. हड़ताल व धरना प्रदर्शन जारी है. कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राजपाट नहीं संभल पा रहा है. ऐसे में उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. सरकारी कर्मचारी जब हड़ताल पर रहेंगे तो कैसे कार्यों का निष्पादन होगा. कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सफाई अभियान को लेकर राज्यों में अरबों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन, राज्य सरकार अपने कर्मचारियों की मांगों की पूर्ति करने में विफल है. राज्य सरकार लोगों को सिर्फ सब्जबाग दिखा रही है. प्रदेश के युवा अपने ठगा महसूस कर रहे हैं. उन्हें ना तो नौकरी मिल रही है और ना ही बेरोजगारी भत्ता. कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं और यह सरकार मूकदर्शक बनी हुई है.
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