मटेरियल मद में गिरिडीह ब्लॉक ने लक्ष्य से दोगुनी राशि की कर ली निकासी
गांव का विकास करने व ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा एक्ट बना था. बाद में मनरेगा की योजनाओं में 60-40 के अनुपात में कार्य का नियम बना, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया.
मटेरियल मद में गिरिडीह ब्लॉक ने लक्ष्य से दोगुनी राशि की कर ली निकासी
जिले को मटेरियल मद में मिला था 11.8 करोड़
गिरिडीह ब्लॉक को 2.66 करोड़, तो सबसे कम सरिया के हाथ आया 18 लाख
गिरिडीह.
गांव का विकास करने व ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा एक्ट बना था. बाद में मनरेगा की योजनाओं में 60-40 के अनुपात में कार्य का नियम बना, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया. अब मनरेगा में जिसकी लाठी उसकी भैंस की कहावत चरितार्थ होने लगी है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मटेरियल मद में राशि का आवंटन है. एक जुलाई को गिरिडीह जिले में मटेरियल में गिरिडीह ब्लॉक ने लक्ष्य से दोगुनी राशि पर कब्जा कर लिया, जबकि सरिया व डुमरी ब्लॉक को लक्ष्य में से आधी से भी कम राशि ही हाथ लगी. जानकारी के अनुसार मनरेगा से जुड़ी योजनाओं में मजदूरी मद में खर्च हुए राशि के अनुपात में ही मेटेरियल मद में राशि आवंटन का लक्ष्य तय किया गया था. इस निहित गिरिडीह ब्लॉक को मेटेरियल मद में 1 करोड 15 लाख का लक्ष्य निधार्रित था. लेकिन मनरेगा से जुड़े अधिकारी व कर्मियों ने शातिराना अंदाज में 2.66 करोड पर कब्जा जमा लिया. जिले में सबसे खराब स्थिति सरिया प्रखंड की रही. सरिया को मेटेरियल मद में 41 लाख का लक्ष्य आवंटित था जबकि उसके हाथ महज 18.47 लाख रुपये ही आये.इसी तरह डुमरी प्रखंड को भी 88 लाख का लक्ष्य निर्धारित था जबकि उसके हाथ 38.16 लाख ही आये.गलत लक्ष्य निर्धारित किया गया, अभी भी कम पड़ रही है राशि : बीडीओ
गिरिडीह बीडीओ गणेश रजक ने मटेरियल मद की राशि के भुगतान को ले योजनाओं के अनुपात में गलत लक्ष्य निर्धारित किया गया था. कहा कि पूर्व में कुछ ब्लॉक को राशि मिली थी, जबकि गिरिडीह ब्लॉक को वंचित कर दिया गया था. कहा कि गिरिडीह ब्लॉक में मटेरियल वेज में ज्यादा योजना लिया गया है, अभी भी राशि कम पड़ रही है. हेवी अमाउंट आने से ही पूर्ण योजनाएं क्लोज हो पायेगी.मामला संज्ञान में आया है, होगी जांच : उप विकास आयुक्त
उप विकास आयुक्त दीपक दुबे ने कहा कि मनरेगा योजनाओं के लिये मटेरियल मद में राशि आवंटन को ले लक्ष्य निर्धारित किया था. यदि लक्ष्य के अनुपात में किसी ब्लॉक ने ज्यादा राशि ली है, तो मामले की जांच कर संबंधित पदाधिकारी व कर्मियों को शो-कॉज किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है