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तबीयत बिगड़ने से गिरिडीह केंद्रीय कारा के बंदी की अस्पताल में मौत

दुष्कर्म के एक मामले में जेल में बंद एक बंदी की गुरुवार की दोपहर में मौत हो गई. बंदी को सांस लेने में दिक्कत होने पर जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया ने जेल अस्पताल में इलाज कराने के बाद स्थिति गंभीर देख सदर अस्पताल के आइसीयू में उसे एडमिट कराया था.

गिरिडीह केंद्रीय कारा के एक बंदी की तबीयत बिगड़ने से इलाज के दौरान मौत हो गयी. मृतक भेलवाघाटी के कुशवारब गांव का अर्जुन यादव (38 वर्ष) था. अर्जुन पिछले तीन माह से दुष्कर्म के एक मामले में जेल में बंद था. गुरुवार की दोपहर करीब 12 बजे अचानक उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. जानकारी होने पर जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया ने पहले जेल के अस्पताल में बंदी का इलाज कराया. स्थिति गंभीर देख अर्जुन यादव को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल की आइसीयू में एडमिट कराया गया, जहां इलाज के दौरान दोपहर में उसकी मौत हो गयी. जेल प्रशासन ने मामले की जानकारी उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा और आरक्षी अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा के अलावा एनएचआरटीबी को दे दी है. मौत की जानकारी मिलने पर अर्जुन के परिजन भी सदर अस्पताल पहुंच गये. जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया ने बताया कि पोस्टमार्टम कराये जाने के बाद शव परिजनों को सौंपा जायेगा.

बंदी की मौत पर परिजनों ने सदर अस्पताल में किया हंगामा

गिरिडीह केंद्रीय कारा में बंद अर्जुन यादव की मौत के बाद मृतक के परिजनों ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया. एक तरफ मृतक के कुछ परिजनों का घटना के बाद रो-रो कर बुरा हाल था, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ परिजन अर्जुन की मौत पर कई तरह की चर्चा कर रहे थे. मृतक के परिजन जुगल पंडित, पंडित आदि ने बताया कि अर्जुन की तबीयत बिल्कुल ठीक थी, उसे कोई बीमारी नहीं थी, तो अचानक उसकी मौत कैसे हो गयी. परिजनों ने मामले की उचित जांच कराने की मांग की है. सदर अस्पताल में हंगामा की सूचना पर पुलिस पहुंची और लोगों को शांत कराया.

मृतक के परिजनों को मिले 10 लाख मुआवजा व नौकरी : केदार

जमुआ विधायक केदार हाजरा ने भेलवाघाटी के कुशवारब गांव निवासी अर्जुन यादव की मौत पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण विचाराधीन कैदी की मौत हुई है. यह राज्य सरकार की लापरवाही को दर्शाता है. उन्होंने मृतक के परिजनों को 10 लाख रूपया मुआवजा और एक नौकरी देने की मांग की है.

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