Giridih News :सोलर प्लांट लगने से तीन माह में गिरिडीह कोलियरी को हुई 40.98 लाख की बचत

Giridih News :सीसीएल के पिपरवार एरिया के बाद गिरिडीह कोलियरी में स्थापित हुआ है सोलर प्लांटबिजली की बढ़ती खपत की भरपाई के लिए सीसीएल ने सौर ऊर्जा प्लांट के माध्यम से बिजली उत्पादन पर जोर दिया है. सीसीएल को तीन माह में 40.98 लाख की बचत हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 11:41 PM

गुड न्यूज. सोलर प्लांट लगने से गिरिडीह कोलियरी को होने लगा है आर्थिक लाभ

सीसीएल के पिपरवार एरिया के बाद गिरिडीह कोलियरी में स्थापित हुआ है सोलर प्लांट

बिजली की बढ़ती खपत की भरपाई के लिए सीसीएल ने सौर ऊर्जा प्लांट के माध्यम से बिजली उत्पादन पर जोर दिया है. इसी के तहत सीसीएल के पिपरवार एरिया के बाद गिरिडीह कोलियरी में सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया है. सोलर प्लांट स्थापित करने के बाद अब यहां से बिजली का जेनरेशन शुरू हो गया है. बिजली का जेनरेशन शुरू होने से पिछले तीन माह में गिरिडीह कोलियरी को लगभग 40.98 लाख रुपये बिजली बिल में बचत हुई है. अहम बात यह है कि गिरिडीह कोलियरी में पहले करोड़ रुपये से अधिक बिजली बिल आती थी, उसमें सोलर प्लांट से जेनरेशन शुरू होने के बाद उसमें कमी आयी है. सीसीएल प्रबंधन इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देख रहा है. यही वजह है कि अब नये प्रोजेक्ट की कार्ययोजना तैयार की जा रही है.

चार मेगावाट क्षमता का है प्लांट

बता दें कि सीसीएल मुख्यालय स्तर पर गिरिडीह कोलियरी अंतर्गत जोकटियाबाद में चार मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है. आठ हेक्टेयर भूमि पर लगभग 28 करोड़ 70 लाख रूपये की लागत से इसका निर्माण हुआ है. यहां से उत्पादित पावर सीसीएल सब स्टेशन के माध्यम से डीवीसी ग्रिड में जाता है. वहीं, सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली का उपयोग सीसीएल क्षेत्र की माइंनिंग और डोमेस्टिक सप्लाई में भी किया जा रही है. माइंनिंग कार्य और डोमेस्टिक सप्लाई होने के कारण सीसीएल गिरिडीह की बिजली बिल में कमी आयी है. गिरिडीह कोलियरी डीवीसी से बिजली का क्रय करता रही है. ऐसे में गिरिडीह कोलियरी को प्रति माह डीवीसी को बिजली क्रय के एवज में बिल की अदायगी करनी पड़ती रही है. अब जबकि सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है, ऐसे में यहां से कोलियरी रोशन हो रहा है. उत्पादन कार्य के अलावे कोयलांचल क्षेत्र में रहने वाले लोगों के घरों तक इस प्लांट से बिजली पहुंच रही है.

अक्तूबर से शुरू हुआ था उत्पादन

गिरिडीह कोलियरी के मैनेजर (इएडंएम) प्रशांत सिंह के मुताबिक अक्तूबर 2024 में सौर प्लांट से कुल यूनिट (केडब्ल्यूएच) 299000 जेनरेट हुआ, जिसमें डीवीसी को 89000 यूनिट एक्पोर्ट किया गया. सोलर प्लांट से सीसीएल गिरिडीह ने 210000 यूनिट का यूज किया. इस माह सीसीएल गिरिडीह को 1050000 राशि की बचत हुई. नवंबर 2024 में कुल यूनिट 509700 जेनरेट हुआ, जिसमें डीवीसी को 227500 यूनिट एक्सपोर्ट किया गया. सीसीएल ने 282200 यूनिट यूज किया. इस माह सीसीएल गिरिडीह कोलियरी 1411000 राशि की बचत हुई. दिसंबर 2024 में कुल यूनिट626700 जेनरेट हुआ, जिसमें डीवीसी को 299199.97 यूनिट एक्सपोर्ट किया गया. सीसीएल गिरिडीह ने 327500 यूनिट यूज किया. इस माह 1637500 राशि की बचत हुई. बताया गया कि बचत की यह राशि औसतन पांच रुपया यूनिट पर है. बॉक्स170 मेगावाट सौर उर्जा प्लांट स्थापित करने की योजनाचार मेगावाट सौर उर्जा प्लांट स्थापित करने के बाद सीसीएल ने गिरिडीह कोलियरी के खाली जमीन पर 170 मेगावाट सौर उर्जा प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है. इसके तहत 50 मेगावाट का प्लान तैयार है. शेष के लिए सीएमपीडीआई प्लानिंग कर रही है. सीएमपीडीआई की टीम यहां का दौरा कर चुकी है. पिछले दिनों जीएम सोलर सीसीएल सुचंद्रा सिन्हा व सीएमपीडीआई की टीम के साथ गिरिडीह कोलियरी के महाप्रबंधक बासब चौधरी ने भदुआ, ओसीपी, पहाड़िया सहित अन्य खाली जगहों का दौरा कर वस्तुस्थिति की जानकारी हासिल कर चुके हैं.

बॉक्सप्रत्येक साल होगा साढ़े तीन करोड़ की राशि का फायदा : महाप्रबंधकगिरिडीह कोलियरी के महाप्रबंधक बासब चौधरी ने कहा कि गिरिडीह सीसीएल क्षेत्र में चार मेगावाट का सोलर प्लांट से बिजली का जेनरेशन शुरू होने से गिरिडीह कोलियरी को आर्थिक लाभ होने लगा है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में 170 मेगावाट सोलर प्लांट स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है. कहा कि सोलर प्लांट से डीवीसी ग्रिड को बिजली जा रही है. वहीं गिरिडीह कोलियरी क्षेत्र में भी इससे बिजली की सप्लाई हो रही है. श्री चौधरी ने बताया कि सभी सोलर प्लांट से पावर जेनरेशन होने पर प्रत्येक साल गिरिडीह कोलियरी को लगभग साढ़े तीन करोड़ की राशि का फायदा होगा. उन्होंने कहा कि कोयला का रिजर्व खत्म हो रहा है. ऐसे में ग्रीन एनर्जी पर फोकस किया जा रहा है. कहा कि गिरिडीह कोलियरी में आने वाले चार-पांच माह के अंदर 170 मेगावाट सोलर प्लांट स्थापित करने का मामला फाइनल हो जायेगा. इसके लिए स्थलों का निरीक्षण किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि पावर क्राइसिस के कारण पहले लोड शेडिंग ज्यादा होता था. अब इसमें कमी आयी है.

(सूरज सिन्हा, गिरिडीह)B

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version