ग्रीन कार्ड के चावल वितरण में भी राज्य में पिछड़ा गिरिडीह जिला, मात्र 23.31 प्रतिशत हुआ वितरण
एनएफएसए के तहत लाल कार्डधारियों को मिलने वाले अनाज के साथ-साथ ग्रीन कार्ड के कार्डधारियों को मिलने वाले अनाज में भी गिरिडीह जिला पिछड़ गया है. झारखंड राज्य में अनाज वितरण की सबसे खराब व्यवस्था गिरिडीह की मानी जा रही है.
ग्रीन कार्ड का अनाज आवंटन का चल रहा है बैकलॉग, मई माह में मिला है अगस्त, 2023 का आवंटन राकेश सिन्हा, गिरिडीह.
एनएफएसए के तहत लाल कार्डधारियों को मिलने वाले अनाज के साथ-साथ ग्रीन कार्ड के कार्डधारियों को मिलने वाले अनाज में भी गिरिडीह जिला पिछड़ गया है. झारखंड राज्य में अनाज वितरण की सबसे खराब व्यवस्था गिरिडीह की मानी जा रही है. मई माह में एनएफएसए के अनाज वितरण में जहां राज्य का औसत वितरण प्रतिशत 88.98 प्रतिशत है. वहीं गिरिडीह जिला का वितरण प्रतिशत मात्र 62.29 प्रतिशत है. जबकि ग्रीन कार्ड के लाभुकों को मिलने वाले अनाज का राज्य स्तरीय वितरण प्रतिशत 62.64 प्रतिशत है. वहीं गिरिडीह जिला का 23.31 प्रतिशत. बता दें कि ग्रीन कार्डधारियों के लाभुकों को झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पांच किलो प्रति व्यक्ति अनाज फ्री में दिया जाता है. इस अनाज का आवंटन लगभग आठ माह पीछे चल रहा है. मई माह में अगस्त, 2023 के अनाज का वितरण किया गया. इस योजना में 29821 कार्डधारियों के बीच 5170 क्विंटल अनाज का वितरण किया जाना था. लेकिन मई माह के समाप्त होने पर यह आंकड़ा मात्र 1205 क्विंटल तक ही पहुंच सका. सूत्रों की मानें तो लगभग 77 प्रतिशत लोग इस अनाज का लाभ लेने से वंचित हो गये हैं. ग्रीन कार्ड के चावल वितरण में बेंगाबाद प्रखंड सबसे पीछेगिरिडीह जिले में ग्रीन कार्ड के लाभुकों के लिए वितरण व्यवस्था पर गौर करें तो जिले में सबसे खराब स्थिति बेंगाबाद प्रखंड की है. बेंगाबाद प्रखंड में मात्र 0.14 प्रतिशत ग्रीन कार्डधारियों को अनाज मिल पाया है. यानि बेंगाबाद प्रखंड में 28,150 किलो अनाज का वितरण होना था, लेकिन मात्र 40 किलो अनाज ही बांटा जा सका है. इसके बाद पीरटांड़ प्रखंड की स्थिति भी वितरण में बहुत अच्छी नहीं रही. ग्रीन कार्ड के मात्र 5.7 प्रतिशत लोगों के बीच ही अनाज का वितरण किया गया. जबकि बगोदर में मात्र 6.52 प्रतिशत.बॉक्स-जिले में ग्रीन कार्ड में अगस्त, 2023 के अनाज वितरण की स्थितिप्रखंड का नाम – आवंटन (किलो) – वितरण (किलो) – प्रतिशतबगोदर – 21,715 – 1415 – 6.52बेंगाबाद – 28,150 – 40 – 0.14बिरनी – 45,415 – 8,473 – 18.66देवरी – 27,355 – 7,422 – 27.13धनवार – 66,915 – 5,659 – 8.46डुमरी – 33,905 – 2,965 – 8.74गांडेय – 43,130 – 3,490 – 8.09गावां – 26,595 – 6,309 – 23.72गिरिडीह – 54,935 – 30,577 – 55.66जमुआ – 67,210 – 3,834 – 5.70पीरटांड़ – 11,430 – 2,016 – 17.64सरिया – 25,070 – 13,037 – 52.00तिसरी – 26,030 – 12,792 – 49.14धनवार – 0 – 0 – 0गिरिडीह नि – 39,180 – 22,479 – 57.37कुल – 5,17,035 – 1,20,506 – 23.31बॉक्स-चना दाल के वितरण में भी भारी गड़बड़ी
झारखंड सरकार ने गरीबों को प्रति कार्ड एक किलो चना दाल देने की घोषणा की थी. सितंबर, 2023 से चना दाल कार्डधारियों को मिलना शुरू हुआ. लेकिन सितंबर और अक्टूबर माह में चना दाल मिलने के बाद आवंटन प्राप्त नहीं हुआ. फलस्वरूप नवंबर, 2023 से मार्च, 2024 तक चना दाल कार्डधारियों को नहीं मिल सका. गिरिडीह जिले में लाल कार्ड के तहत 3,58,613 कार्ड बनाये गये हैं. जबकि पीला कार्ड यानि अंत्योदय कार्ड की संख्या 68,074 है और ग्रीन कार्ड की संख्या 29,821 है. इस प्रकार कुल 4,58,464 कार्डधारियों के लिए गिरिडीह जिले को अप्रैल, 2024 में प्रति कार्ड प्रति किलो चना दाल का आवंटन प्राप्त हुआ. जिले में चना दाल के वितरण में भी घोर मनमानी की गयी है. अब तक जिले में चना दाल का वितरण मात्र 61.96 प्रतिशत ही हो सका है. जिले में 4,58,256 किलो के विरूद्ध मात्र 2,83,920 किलो चना दाल का वितरण हो सका है.फ्री में चना दाल वितरण की कार्डधारियों को नहीं है जानकारीसच तो यह है कि अनियमित रूप से मिलने वाले अनाज की जानकारी कार्डधारियों को भी नहीं हो पाती है. कार्डधारी अपना नियमित रूप से मिलने वाले अनाज का उठाव करने तो जाते हैं, लेकिन पीडीएस डीलर उन्हें चना दाल के आवंटन की जानकारी तक नहीं देते हैं. ऐसा ही कई मामला बेंगाबाद प्रखंड में सामने आया है. कई कार्डधारियों का कहना था कि चना दाल मिल रहा है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं मिली. जबकि कई कार्डधारियों का कहना है कि डबल फिंगर लेकर चना दाल उन्हें नहीं मिला. बेंगाबाद प्रखंड के महुआर गांव की कार्डधारी मीना देवी का कहना है कि मई माह में डीलर ने उन्हें सिर्फ अनाज दिया. चना दाल के बारे में उनसे कोई चर्चा नहीं की. अंगूठा लगाने के बाद डीलर ने स्लिप तक नहीं दिया. वहीं दुधीटांड़ के कैली देवी का कहना है कि मई माह का चावल तो उन्हें मिला, लेकिन किसी भी कार्डधारी को चना दाल नहीं दिया गया. बेंगाबाद के राजेश शर्मा का कहना है कि पीडीएस दुकानदार ने अनाज उठाने के क्रम में अंगूठा का निशान तो लिया, लेकिन किस-किस सामग्री के लिए अंगूठा का निशान लिया गया, यह पता भी नहीं चला. डीलर ने इंटरनेट कनेक्शन नहीं रहने की बात कहकर डबल फिंगर का निशान ले लेते हैं. इसी प्रकार जमुआ प्रखंड के कठवारा के रीतलाल मंडल और जरसोती की अनीता देवी कहती है कि मई माह का चावल तो उन्हें मिल गया, लेकिन चना दाल के बारे में पूछने पर डीलर के द्वारा बताया गया कि अभी चना दाल नहीं आया है. जबकि पिंडरसोत पंचायत के कठवारा के कई ग्रामीणों ने एक हस्ताक्षरयुक्त पत्र उपायुक्त को सौंपकर कहा है कि जागृति महिला मंडल के द्वारा गड़बड़ी की जा रही है. निर्धारित मात्रा में न ही अनाज दिया जा रहा है और न ही उन्हें अप्रैल माह का दाल तक मिला है. इसके अलावे धोती, साड़ी और लुंगी में भी अतिरिक्त राशि की वसूली की जा रही है.
चना दाल कालाबाजार में भेजने की तैयारीसूत्रों का कहना है कि कार्डधारियों को मुफ्त में मिलने वाला चना दाल नहीं देने के पीछे अवैध कारोबार करने की योजना है. अप्रैल माह में चना दाल का आवंटन प्राप्त हुआ जिसे मई महीने में बंटना था. लेकिन सभी कार्डधारियों को अनाज नहीं मिल पाया. कई कार्डधारियों को अनाज मिलने की जानकारी तक नहीं दी गयी. मिली जानकारी के अनुसार चना दाल का बाजार मूल्य 85 रुपये प्रति किलो है. ऐसे में कालाबाजारी के जरिये मोटी कमाई करने की तैयारी सिंडिकेट के द्वारा की गयी है.अप्रैल, 2024 के चना दाल के वितरण की स्थितिप्रखंड का नाम – आवंटन (किलो) – वितरण (किलो) – प्रतिशतबगोदर – 31,475 – 22,104 – 70.23बेंगाबाद – 27,454 – 5,626 – 20.49बिरनी – 33,384 – 11,435 – 34.258देवरी – 34,648 – 27,236 – 78.61धनवार – 52,445 – 42,583 – 81.20डुमरी – 42,394 – 35,741 – 84.30गांडेय – 28,878 – 23,550 – 81.55गावां – 22,659 – 7,616 – 33.61गिरिडीह – 46,414 – 30,007 – 64.65जमुआ – 52,859 – 11,651 – 22.04पीरटांड़ – 21,290 – 14,809 – 69.56सरिया – 30,399 – 26,531 – 87.28तिसरी – 17,797 – 14,062 – 79.01धनवार – 0 – 0 – 0गिरिडीह नि – 16,161 – 10,969 – 67.87कुल – 4,58,256 – 2,83,920 – 61.96
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