वर्ष 2024 भले ही समाप्ति की ओर है, पर गुजरता हुआ यह साल उल्लेखनीय विकास कार्यों के लिए यहां की जनता को हमेशा याद रहेगा. इस साल यहां कई उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, कई की नींव रखी गयी, तो कई चिरप्रतीक्षित कार्य अमल में आये. ये सभी आने वाले दिनों में स्थानीय लोगों को लाभान्वित करेंगे. कुछ ऐसे भी कार्य हैं जो जनप्रतिनिधियों या जवाबदेह विभागों की उदासीनता के कारण पहल नहीं हुई थी, पर अब इसकी भी आस पूरी होने वाली है.
इन कार्योंं के लिए याद रहेगा यह साल
बेगाबाद में बहुप्रतीक्षित लुप्पी पथ की मरम्मत का कार्य शुरू हो चुका है. मरम्मत के अभाव में लंबे अरसे से ग्रामीण परेशान थे. कई बार ग्रामीणों ने इसकी आवाज भी उठाई, पर कोई प्रगति नहीं हुई. यहां से कल्पना सोरेन के विधायक बनते ही इस पथ का कायाकल्प शुरू हो गया. इस पथ के बन जाने से बेंगाबाद की पांच पंचायतों के ग्रामीणों को लाभ होगा. इसके अलावा बेंगाबाद में स्टेडियम की लंबे समय से खिलाड़ियों की मांग थी, पर किसी जनप्रतिनिधि या विभाग ने इस दिशा में पहल नहीं की. लिहाजा खिलाडियों व प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में अभ्यासरत अभ्यर्थियों को परेशानी उठानी पड़ी. यहां भी कल्पना सोरेन की पहल रंग लायी और बेंगाबाद कस्तूरबा विद्यालय के सामने इसकी आधारशिला रखी गयी. उच्च शिक्षा की सुविधा नहीं होने से यहां की बच्चियां इंटर के बाद पढ़ाई नहीं कर पाती थीं, पर अब इसकी भी नींव रखी जा चुकी है. महुआर के पास अंचल की ओर से उपलब्ध करायी गयी जमीन पर विधायक कल्पना सोरेन ने महिला महाविद्यालय की आधारशिला रख दी है.
प्रखंड और अंचल कर्मियों के लिए बन रहा आवासीय परिसर
इधर बेंगाबाद प्रखंड और अंचल में पदस्थापित कर्मियों के लिए आवासीय व्यवस्था नहीं होने से कर्मियों को तो परेशानी होती ही थी, पर इसका सर्वाधिक खमियाजा जनता को भुगतना पड़ता था. जिला मुख्यालय से कर्मियों को आवाजाही करनी पड़ती थी, पर अब यहां प्रखंड परिसर में ही बीडीओ, सीओ के अलावे कर्मियों के लिए भी आवासीय परिसर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिकाओं के लिए आवासीय व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी, पर अब उनके लिए भी आवासीय सुविधा तैयार है. इससे कस्तूरबा की वार्डेन सहित अन्य शिक्षिकाओं को रहने की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी. इससे उन्हें छुट्टी लेकर परिवार के लिए समय देने की समस्या से भी निजात मिल जायेगी. इसके अलावा यहां की छात्राओं के लिए भवन की समस्या को दूर करने के लिए अतिरिक्त भवन भी बन चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है