Giridih News: समय पर नहीं मिली एम्बुलेंस, ऑटो से सदर अस्पताल ले जाने के दौरान युवक ने तोड़ा दम

Giridih News: डेढ़ घंटे तक एम्बुलेंस का इंतजार करने के बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं आया तो परेशान ग्रामीणों ने ऑटो से दोनों को बेंगाबाद के एक अस्पताल लाया. तब तक पुत्र की स्थिति गंभीर हो चुकी थी. उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही युवक ने दम तोड़ दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 2, 2024 10:53 PM

बड़कीटांड़ पंचायत के पेसराटांड़ गांव में उल्टी व कय से परेशान पिता पुत्र को अस्पताल ले जाने के लिए डेढ़ घंटे तक एम्बुलेंस का इंतजार करने के बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं आया तो परेशान ग्रामीणों ने ऑटो से दोनों को बेंगाबाद के एक अस्पताल लाया. तब तक पुत्र की स्थिति गंभीर हो चुकी थी. उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही युवक ने दम तोड़ दिया. वहीं मृतक के बीमार पिता रूपन मरांडी का इलाज बेंगाबाद के निजी अस्पताल में चल रहा है. रूपन मरांडी का बेटा रंजीत मरांडी (18) मंगलवार की शाम को फुटबाॅल मैच खेलने के बाद घर आया. घर में आने के बाद उसे उल्टी व कय की समस्या होने लगी. वहीं उसके पिता की तबीयत भी खराब है, उसे भी उल्टी व कय की परेशानी है. रात में दोनों की तबीयत बिगड़ने लगी. युवक की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब हो गयी. जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण जुटे और दोनों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में जुट गये. ग्रामीणों ने रात के तीन बजे 108 नंबर में फोन कर एम्बुलेंस को बुलाया, लेकिन एम्बुलेंस चालक ने गांडेय या गिरिडीह के एम्बुलेंस से संपर्क करने की बात कही. ग्रामीण सरकारी एम्बुलेंस के आस में डेढ़ घंटे तक परेशान रहे. इस दौरान युवक की स्थिति और बिगड़ गयी. इसके बाद ग्रामीण बगल गांव मुुंडराडीह पहुंचे और एक निजी ऑटो को किराये पर लेकर दोनों को बेंगाबाद के सरकारी अस्पताल ले गए. यहां रंजीत की गंभीरता को देखते हुए रेफर कर दिया. वहीं रूपन को इलाज के लिए भर्ती कर लिया. ऑटो से गिरिडीह सदर अस्पताल ले जाने के बाद चिकित्सकों ने युवक रंजीत मंराडी को मृत घोषित कर दिया. बुधवार की देर शाम तक रूपन मरांडी का इलाज बेंगाबाद के निजी अस्पताल में जारी रहा.

सूचना पर पहुंचे सीएस, कुआं में कराया ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव

इधर बुधवार की सुबह स्थानीय मुखिया पति बासुदेव महतो, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष नुनुराम किस्कू व अन्य जनप्रतिनिधि गांव पहुंचे और पीड़ित परिजनों से मिले. जानकारी मिलने के बाद सिविल सर्जन को इसकी जानकारी दी गयी. गांव में डायरिया की संभावना को देखते हुए तत्काल सिविल सर्जन शिव प्रसाद मिश्रा चार सदस्यीय चिकित्सा टीम के साथ सुबह में ही पेसराटांड़ गांव पहुंच गये. घर के अन्य लोगों की जांच कराई गई. आसपास के ग्रामीणों से उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. एहतियात के तौर पर गांव के सभी कुंओ में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया. इस दौरान उन्होंने बताया कि फिलहाल कारण स्पष्ट नहीं है. उन्होंने फूड प्वायजनिंग की संभावना बताई है.

एम्बुलेंस चालक की लापरवाही पर गंभीर हुए सीएस

इधर ग्रामीणों ने बताया कि 108 नंबर डायल कर रात के तीन बजे एम्बुलेंस को बुलाया गया, लेकिन साढ़े चार बजे तक इंतजार के बाद भी एम्बुलेंस नहीं आया. ऑटो से दोनों को इलाज के लिए ले जाना पड़ा. कहा समय पर इलाज हो जाता तो रंजीत मरांडी की जान बचाई जा सकती थी. जानकारी मिलने के बाद भड़के सीएस ने एम्बुलेंस चालक की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट करने की बात कही. इधर ग्रामीणों ने मौत की जिम्मेदार बेंगाबाद के एम्बुलेंस चालक को ठहराते हुए सीएस, डीसी व गांडेय विधायक को आवेदन दिया है. ग्रामीणों ने कहा सरकारी अस्पताल से महज चार किलोमीटर की दूरी पर पेसराटांड़ गांव स्थित है लेकिन डेढ घंटे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंचना लापरवाही दर्शाती है. इधर मुखिया व झामुमो प्रखंड अध्यक्ष ने भी गांडेय विधायक को जानकारी देकर कार्रवाई कराने की बात कही है.

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