Giridih News: पत्रकारों के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों की जमानत खारिज
Giridih News: अवैध तरीके से टोल वसूलने की रिपोर्टिंग के दौरान अमरनाथ सिन्हा समेत तीन पत्रकारों के साथ मारपीट करने वाले चारों आरोपियों की जमानत को अदालत ने खारिज कर दिया है.
इस मामले में लगभग 30 से भी ज्यादा अधिवक्ताओं ने पत्रकार पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों की जमानत का विरोध किया. दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद एसडीजेएम की अदालत ने चारों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दी.
बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट की ओर से व्यावसायिक वाहनों से प्रवेश शुल्क की वसूली पर रोक लगाये जाने के बाद भी गिरिडीह नगर निगम के टोल पर हो रही अवैध वसूली का कवरेज करने गये पत्रकारों पर संवेदक के गुर्गों ने जानलेवा हमला किया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को दबोच लिया. साथ ही पत्रकार अमरनाथ सिन्हा के लिखित आवेदन पर घटना की प्राथमिकी दर्ज की गयी और चार नामजद आरोपियों के साथ-साथ करीब सात अज्ञात को आरोपी बनाया गया. पुलिस ने आरोपी मोहित यादव, पिंटू चौधरी, देव चौधरी और सुशील कुमार चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. कांड संख्या 375/24 में धारा 1991 (2), 126 (2), 115 (2), 352, 351 (2), 308 (2), 308 (5), 303 (2), 109, 61 (2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया था.अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में हुई सुनवायी
इसे लेकर गुरुवार को अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में चारों गिरफ्तार आरोपियों की जमानत पर सुनवायी हुई. खचाखच भरी अदालत में पत्रकारों की ओर से अधिवक्ता सह जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, सचिव चुन्नूकांत, अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा समेत कई अधिवक्ताओं ने बहस की और आरोपियों की जमानत का विरोध किया. दूसरे पक्ष से अधिवक्ता जयप्रकाश राय ने दलीलें पेश की. अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एसडीजेएम मीनाक्षी वर्मा ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.छह जनवरी को निगम कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठेंगे पत्रकार
पत्रकार पर जानलेवा हमला और टोल पर अवैध वसूली किये जाने के मामले में गिरिडीह नगर निगम की ओर से विधि सम्मत कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ गिरिडीह प्रेस क्लब ने छह जनवरी को सांकेतिक धरने पर बैठने का निर्णय लिया है. इस मामले को लेकर गिरिडीह प्रेस क्लब का एक प्रतिनिधि मंडल गुरूवार को गिरिडीह के एसडीओ श्रीकांत यशवंत विस्पुते से मिला और धरने पर बैठने की जानकारी देते हुए अपनी मांगों से अवगत कराया. श्री विस्पुते ने पत्रकारों को भरोसा दिया कि संवेदक के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई होगी. इधर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने कहा कि नगर निगम के प्रशासक के द्वारा मामले में संवेदक को बचाने और लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है जो निंदनीय है.20 दिसंबर को सुबह 11 बजे ही संवेदक को दे दी गयी थी हाइकोर्ट के आदेश की सूचना
नगर प्रशासक प्रशांत कुमार लायक ने ऑन कैमरा पत्रकारों को बताया था कि हाइकोर्ट से उन्हें आदेश की ऑफिसियल कॉपी 20 दिसंबर को 11 बजे मिली और उन्होंने तुरंत संबंधित संवेदक को व्हाट्स एप्प और लिखित रूप से हस्तगत किया है. जबकि आरोपियों की ओर से अदालत के समक्ष 20 दिसंबर 5 बजे की रिसिविंग दिखायी गयी है. पत्रकारों ने कहा कि संवेदक के साथ-साथ नगर प्रशासक ने भी हाईकोर्ट के आदेश का अवमानना किया है. गुरूवार को पत्रकार से दूरभाष पर बातचीत करते हुए नगर प्रशासक श्री लायक ने कहा कि वे गिरिडीह से बाहर हैं. बताया कि अब तक संवेदक ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया है. बता दें कि 23 दिसंबर को नगर प्रशासक ने संवेदक से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण सौंपने का आदेश जारी किया था और दस दिनों के बाद भी संवेदक द्वारा स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया गया है.एसडीओ को ज्ञापन सौंपने में ये रहे शामिल
एसडीओ को ज्ञापन सौंपने वालों में गिरिडीह प्रेस क्लब के अध्यक्ष राकेश सिन्हा, सचिव अरविंद कुमार, आलोक रंजन, सूरज सिन्हा, सुनील मंथन शर्मा, अभिषेक सहाय, अमरनाथ सिन्हा, मिथिलेश सिंह, नफिश अजहर, सुजीत कुमार, नमन नवनीत, लोकनाथ सहाय, अविनाश प्रसाद सिन्हा, रिंकेश, संजर, प्रकाश, आशुतोष, शाहिद रजा, जगजीत सिंह बग्गा, डिंपल, आशीष विश्वकर्मा समेत कई लोग शामिल थे.
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