धनवार प्रखंड के उत्तरी डोरंडा, महेशमरवा और बल्हारा पंचायत में कोडरमा जिला और गावां व तिसरी प्रखंड की सीमा पर कुदरती वादियों के नजारे इन दिनों सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींच रहे हैं. यहां के वन, नदी व पहाड़ी दिसंबर व जनवरी के महीने में पिकनिक प्रेमियों से गुलजार रहते हैं. दिसंबर शुरू होने के साथ ही इन जगहों पर प्रकृति प्रेमियों व प्रयटकों की संख्या बढ़ने लगी है.
पांच-छह दशक पूर्व तक इन क्षेत्रों में खतरनाक जानवरों का विचरण होता था. दो दशक पूर्व तक बंदूकधारियों का खौफ रहता था. लेकिन अब वो स्थिति नहीं है. इन कुदरती सौंदर्य को यदि पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जाये तो न सिर्फ यहां के लोगों को सैर-सपाटे के लिए कही दूर जाने की जरूरत खत्म हो जाएगी, बल्कि दूर दराज से भी सैलानी पिकनिक के लिए इधर खिंचे चले आएंगे. लेकिन रोड, सुरक्षा और पर्यटन विभाग के रचनात्मक पहल की के अभाव में अभी बड़ी संख्या में पर्यटक यहां नहीं आ पाते हैं.जानिए कौन-कौन सी जगहों पर घूमने आते हैं लोग
पिछले तीन-चार वर्षों में लोगों का पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बना गोबरदाहा हदहदवा : गिरिडीह कोडरमा मुख्य मार्ग के तरानाखो मोड़ से पांच-छह किमी उत्तर बल्हारा पंचायत की वादियों में अवस्थित गोबरदाहा हदहदवा पिछले तीन-चार वर्षों में इस क्षेत्र के लिए पसंदीदा पिकनिक स्पॉट के रूप में उभरा है. कोडरमा जिले की पहाड़ी से लगभग बीस फिट की ऊंचाई से धनवार की धरती पर गिरते झरने की सुंदर छटा लोगों को आनंदित करती है. यहां पहुंचने के लिए गिरिडीह कोडरमा मुख्य मार्ग के तारानाखो मोड़ से उत्तर बभनी होकर पांच-छह किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. वहां तक जाने के लिए ढंग से सड़क का निर्माण तो नहीं हुआ है, लेकिन दो पहिया और चार पहिया वाहन पहुंच जाते हैं. इसके प्राकृतिक सौंदर्य की चर्चा फैली तो पिछले वर्षों कई प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भी गोबरदाहा हदहदवा में पिकनिक का आनंद लिया था. इस बार भी दिसम्बर माह के आगमन के साथ क्षेत्र के युवा मंडलियों का आना-जाना शुरू हो गया है.आंखों के साथ मन को सुकून देता है हरदिया नदी का नजारा : महेशमरवा पंचायत के सतुआपहरी के समीप गावां और तिसरी प्रखंड क्षेत्र की सीमा पर स्थित हरदिया नदी का नयनाभिराम नजारा सैलानियों को बरबस लुभाता है. हरे भरे पहाड़ों के बीच चट्टानों पर गिरता, शोर मचाते बहते इस जल-स्रोत का पानी मीठा और सुपाच्य बताया जाता है. स्थानीय लोग कहते है कि यह मनोरम पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो सकता है. मत्स्य पालन से भी क्षेत्र की बेरोजगारी कम हो सकती है. बताया गया कि इसके लिए सरकारी महकमो से कई बार गुहार भी लगाई जा चुकी है. यहां तक जाने के लिए गिरिडीह कोडरमा रोड के बल्हारा मोड़ से पांच किमी उत्तर जमडार रोड में जाना पड़ता है.
महेशमरवा का हदहदवा :
हरदिया नदी की तरह ही बल्हारा-जमडार पथ पर कैलिपहाड़ी से दो किमी पश्चिम स्थित नाले पर यह हदहद्वा जंगल मे पहाड़ों से घिरा है. यहां चट्टान पर फैल कर बहता पानी दिन में चांदी के झरने की तरह नजर आता है. चट्टान से नीचे चट्टान पर शोर मचाती, गिरती धारा जैसे चमकीली सफेद मोतियां बिखेरती नजर आती है. इसके अतिरिक्त डोरंडा में कुराव नदी तथा बड़की नदी घाटी में भी कई मनोरम स्थल है जिन्हें पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है. नव वर्ष पर कई लोग इन स्थानों पर खुशियां मनाने आते भी है. रतबाद के पवन कुमार, नवादा के रविन्द्र कुमार राय, बघमारी के सुनील कुंवर भरौना के बासुदेव यादव, नीतीश कुमार आदि युवाओं ने बताया कि वे अपने दोस्तों के साथ हर साल पिकनिक बनाने इन्हीं वादियों में आते है. लेकिन जानकारी, रास्ते का अभाव और सुरक्षा व्यवस्था नहीं रहने से अधिकांश लोगों को इन वादियों का दीदार नसीब नहीं हो पा रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है