केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा की शुरुआत की थी, लेकिन वर्तमान में मनरेगा में ठेकेदारी प्रथा एवं लूट का सिस्टम हावी हो गया है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रखंड के झरघट्ठा पंचायत में संचालित दीदी बाड़ी योजना है. योजना से संबंधित कई ऐसे मामले आ रहे हैं जिनमें किसी लाभुक के नाम से योजना स्वीकृत है लेकिन लाभुक को इसकी जानकारी ही नहीं है. और उनके नाम से योजना के तहत बिना उनकी जानकारी के राशि निकासी की जा रही है. ग्राम झरघट्टा की सुनीता देवी, सोनिया देवी सहित कई नाम इसके उदाहरण हैं.
बता दें कि झारखंड सरकार द्वारा राज्य से कुपोषण को मिटाने के लिए और बेरोजगारी को दूर करने के लिए मनरेगा के तहत दीदी बाड़ी योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत लाभार्थियों को अपने घर के पास एक डिसमिल से लेकर पांच डिसमिल तक की जमीन पर पोषणयुक्त सब्जियां लगाने का प्रावधान है. इससे फायदा यह होगा की परिवार को पोषणयुक्त हरी सब्जियां खाने के लिए मिलेगी. इसके साथ ही वो अपनी सब्जियां बाजार में भी बेच पायेंगे जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी. योजना के तहत लाभुक परिवारों को 100 दिन मनरेगा के तहत काम दिया जाना है. लेकिन प्रखंड के झरघट्टा में लाभुक को पता भी नहीं है और उसके नाम से स्वीकृत दीदी बाड़ी योजना में दूसरे लोग मजदूरी की राशि निकासी कर चुके हैं.केस स्टडी वन
ग्राम झरघट्टा में सोनिया देवी (पति नारायण तुरी) के नाम दीदी बाड़ी योजना स्वीकृत हुई थी.इस योजना के बारे में लाभुक को जानकारी तक नहीं है जबकि झरघट्टा की उक्त योजना में गांव से 5 किलोमीटर दूर कोयरी डीह गांव के सुलेना देवी राय,शत्रुघ्न राय,अश्वनी राय व अमर कुमार राय के नाम डिमांड कर उसके खाते में मजदूरी की राशि(6,120 रुपये) भेज दी गयी.
केस स्टडी टू
ग्राम बेला टांड में सलिता देवी के नाम दीदी बाड़ी योजना की स्वीकृति मिली थी.इस योजना में लाभुक सलिता देवी के नाम 3 अगस्त से 8 अगस्त 2021 तक 6 दिन का डिमांड किया गया.जिसके तहत उसके खाते में 1350 रुपये मजदूरी का भुगतान हुआ.सबसे बड़ी बात है उक्त योजना में एक वर्ष बाद 25.09.23 को कोयरी डीह के पुष्पा कुमारी,झूलन कुमारी एवं रंधीर राय व 19.09.23 को लक्ष्मी कुमारी एवं संजीव कुमार राय के नाम डिमांड कर कुल 9 हजार की निकासी कर ली गयी.केस स्टडी थ्री
ग्राम झरघट्टा में सुनीता देवी(पति नंदू मरांडी)के नाम दीदी बाड़ी योजना की स्वीकृति मिली थी.लाभुक के अनुसार उसे कोई जानकारी भी नहीं है. जबकि इस योजना में लाभुक से परे गांव के लालो गोस्वामी,रोहित गोस्वामी,सीता राम गोस्वामी एवं प्रकाश गोस्वामी के नाम डिमांड कर रुपये की निकासी कर ली गयी.सबसे बड़ी बात है कि उक्त योजना की स्वीकृति 25.11.2022 को हुई और डेढ़ वर्ष बाद 19.06.2024 से 25.06.24 तक कार्य दिखा कर मजदूरी मद की 6528 रुपये की निकासी की गयी है.केस स्टडी फोर
ग्राम बेला टांड में कांदो देवी (पति मोतीलाल मुर्मू) के नाम स्वीकृत दीदी बाड़ी योजना में लाभुक कांदो देवी के नाम 6 दिन एवं गांव के सोनाराम मुर्मू के नाम 5 दिन मजदूरी का डिमांड किया गया है जबकि लाभुक के गांव से 5 किलोमीटर दूर कोयरी डीह गांव के पूनम कुमारी,सोहन राय,सुलेना देवी राय,शत्रुघ्न राय,अश्वनी राय व अमर कुमार राय के नाम डिमांड कर 12 हजार 125 रुपये की निकासी कर ली गयी है.
मामले की होगी जांच,गलत तरीके से राशि निकासी पर होगी कार्रवाई : बीडीओ
बीडीओ निसात अंजुम ने कहा कि दीदी बाड़ी योजना पूर्णत महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए है. दीदी बाड़ी योजना में लाभुक व उसके परिजन को लाभान्वित करना है. उक्त योजना में दूसरे गांव के मजदूर का डिमांड और बगैर लाभुक की जानकारी में राशि का बंदरबांट किया गया है तो मामले की जांच व फर्जी निकासी पर कार्रवाई की जाएगी.
(संवाददाता- समशुल अंसारी, गांडेय)Iडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है