Giridih News: बगोदर अस्पताल में नहीं मिले चिकित्सक, सर्पदंश से पीड़ित बच्चे का रांची ले जाने के दौरान मौत

Giridih News: बच्चे के चाचा दौलत महतो ने बताया कि अस्पताल में रात में चिकित्सक के नहीं रहने से बच्चे को बिना इलाज किये बाहर भेज दिया गया. स्थिति बिगड़ने से उसकी मौत हो गयी. मुखिया प्रतिनिधि धानेश्वर मरांडी ने बताया कि बगोदर अस्पताल में लगातार ऐसी घटना हो रही है. पहले भी सांप काटने से मौत हो चुकी है. रात में ड्यूटी पर रहने वाले चिकित्सक लापरवाही बरत रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2024 11:01 PM
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बगोदर थाना क्षेत्र की अडवारा पंचायत के बरवाडीह निवासी तिलक महतो के छह साल के बच्चे बादल कुमार को गुरुवार की रात 12 बजे सांप काट लिया. उसे इलाज के लिए रात दो बजे बगोदर अस्पताल लाया गया था. लेकिन, चिकित्सक के नहीं रहने पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे बिना इलाज के हजारीबाग रेफर कर दिया. गया था. इलाज के दौरान रात में ही बच्चे की मौत हो गयी. घटना के संबंध में बताया जाता है कि बादल रात में जमीन पर सोया हुआ था. रात 12 बजे रात उसे करैत सांप ने उंगली में काट लिया. परिजन बच्चे को लेकर बगोदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. अस्पताल में चिकित्सक नहीं रहने पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग भेज दिया. हजारीबाग में एक अस्पताल में इलाज के बाद बच्चे को रांची रेफर कर दिया गया. रांची ले जाने के दौरान रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.

परिजनों का फूटा गुस्सा

इधर, बच्चे की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित परिजन शव को लेकर बगोदर अस्पताल पहुंचे. बच्चे के चाचा दौलत महतो ने बताया कि अस्पताल में रात में चिकित्सक के नहीं रहने से बच्चे को बिना इलाज किये बाहर भेज दिया गया. स्थिति बिगड़ने से उसकी मौत हो गयी. मुखिया प्रतिनिधि धानेश्वर मरांडी ने बताया कि बगोदर अस्पताल में लगातार ऐसी घटना हो रही है. पहले भी सांप काटने से मौत हो चुकी है. रात में ड्यूटी पर रहने वाले चिकित्सक लापरवाही बरत रहे हैं. घटना की सूचना पर बगोदर पुलिस अस्पताल पहुंची और कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम बगोदर अस्पताल में कराया. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया. घटना के बाद से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था.

क्या कहते हैं चिकित्सक

इस संबंध में रात्रि ड्यूटी में तैनात चिकित्सक डॉ संजय कुमार ने बताया कि बच्चे के अस्पताल पहुंचने की जानकारी उन्हें नहीं दी गयी. जबकि, मेरी ड्यूटी सुबह से ही अस्पताल में थी.

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