Giridih News: अवैध क्लिनिकों के संचालन पर रोक की मांग
Giridih News: गायत्री नर्सिंग होम मंडरो के संचालक प्रदीप यादव के द्वारा दावा किया गया है कि उनका नर्सिंग होम वैध तरीके से संचालित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गायत्री नर्सिंग होम के साथ मंडरो बाजार में लगभग आधा दर्जन क्लिनिक है जो अवैध तरीके से संचालित हो रहा है. जहां उपचार, स्लाइन के साथ ऑपरेशन भी किया जा रहा है. इन अवैध क्लिनिक में मरीज देखने के नाम पर फीस भी वसूला जा रहा है. साथ ही उपचार, दवा, ऑपरेशन आदि के लिए मनमाना राशि लिया जा रहा है.
देवरी अंचल के मंडरो बाजार स्थित श्रीराम चौक में संचालित गायत्री नर्सिंग होम में ऑपरेशन से हुए प्रसव व प्रसव के बाद विवाहित की तबियत बिगड़ने व इलाज के क्रम में मौत हो जाने की घटना के बाद अवैध क्लिनिक के संचालन पर रोक लगाने की मांग शुरू हो गयी है. गायत्री नर्सिंग होम मंडरो के संचालक प्रदीप यादव के द्वारा दावा किया गया है कि उनका नर्सिंग होम वैध तरीके से संचालित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गायत्री नर्सिंग होम के साथ मंडरो बाजार में लगभग आधा दर्जन क्लिनिक है जो अवैध तरीके से संचालित हो रहा है. जहां उपचार, स्लाइन के साथ ऑपरेशन भी किया जा रहा है. इन अवैध क्लिनिक में मरीज देखने के नाम पर फीस भी वसूला जा रहा है. साथ ही उपचार, दवा, ऑपरेशन आदि के लिए मनमाना राशि लिया जा रहा है. इस बाबत देवरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुशलकांत ने बताया कि अस्पताल के संचालक को स्पष्टीकरण करते हुए नर्सिंग होम संचालन से संबंधित कागजात मांगा गया है. नर्सिंग होम वैध है या अवैध रूप से चल रहा है, कागजात की जांच के बाद हीं यह स्पष्ट हो पाएगा. विदित हो कि चिकनाडीह गांव निवासी पप्पू पंडित जो कि अपनी पत्नी के साथ पिपराडीह स्थित ससुराल में रहता था, उसकी पत्नी सीमा देवी 26 वर्ष को प्रसव पीड़ा के बाद चार अगस्त को मंडरो स्थित गायत्री नर्सिंग होम में भरती करवाया गया. जहां पर बच्ची के जन्म के बाद प्रसूता सीमा की तबियत बिगड़ गयी. जांच व उपचार के लिए पहले रांची फिर धनबाद ले जाया गया. धनबाद में उपचार के क्रम में सोमवार (30 सितंबर) को सीमा देवी की मौत हो जाने के बाद उसके परिजन व ग्रामीण मंडरो स्थित नर्सिंग होम पर पहुंचकर अस्पताल के संचालक व चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया था. हालांकि बाद में अस्पताल प्रबंधन व मृतका के परिजन के द्वारा समझौता कर मामले को रफा दफा कर लिया गया.
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