Giridih News: झुलसा रोग से आधा दर्जन गांव के किसान चिंतित
Giridih News: कृषि वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार ने बताया कि धान की फसल में फफूंद लगने के बाद झुलसा संक्रमण फैलता है. झुलसा संक्रमण के शुरुआती दिनों में फसल का उपचार होने से इसे बचाया जा सकता है. नेटिवो, बावस्टिन आदि कीटनाशक का स्प्रे कर फसल को रोगमुक्त किया जा सकता है.
प्रखंड के बेड़ोडीह, पर्वतुडीह, जरियाबागी, कैरीडीह, घासीडीह, असको के किसान धान की फसल में झुलसा रोग होने से परेशान हैं. धान में बाली आने के बाद बीमारी के प्रभाव से फसल सूख रही है. किसानों ने बताया कि कीटनाशक की छिड़काव करने के बाद भी फसल सूख रही है. किसान प्रदीप प्रसाद वर्मा, प्रभु वर्मा, मोहन वर्मा, भीमलाल साव, राजू सिंह, राजेंद्र वर्मा, रामदेव साव, मुकेश वर्मा, कमलेश साव, टेकलाल महतो, चोवा महतो, शोभन वर्मा, मुरारी सिंह, टिकैत सिंह, मदन वर्मा, राजकुमार वर्मा, अनूप वर्मा, वजीर महतो, फत्तू महतो, डिलो महतो, मदन वर्मा, नारायण साव, कामदेव महतो आदि ने फसल प्रबंधन के तहत खरपतवार व कीट नियंत्रण, फसल की उपचार के लिए कृषकों को प्रशिक्षित करने, आवश्यक कीटनाशक उपलब्ध करवाने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की है.
कीटनाशक का करें स्प्र : डॉ नवीन कुमार
कृषि वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार ने बताया कि धान की फसल में फफूंद लगने के बाद झुलसा संक्रमण फैलता है. झुलसा संक्रमण के शुरुआती दिनों में फसल का उपचार होने से इसे बचाया जा सकता है. नेटिवो, बावस्टिन आदि कीटनाशक का स्प्रे कर फसल को रोगमुक्त किया जा सकता है.
क्या कहते हैं बीएओ
प्रखंड कृषि पदाधिकारी (बीएओ) संजय कुमार साहू ने बताया कि धान में झुलसा रोग लगने फसल खराब होने की शिकायत मिली है. कृषकों ने किस कंपनी का बीज लगाया है, इसकी जानकारी ली जा रही है. फसल सूखने की जांच की जायेगी. कृषकों को किसान फार्म मित्र ऐप व कृषि रक्षक पोर्टल हेल्पलाइन में शिकायत कर फसल बीमा का लाभ लेने का सुझाव दिया गया है. वहीं, किसान मित्र अशोक राय ने कहा कि झुलसा रोग से किसान परेशान हैं. फसल को बचाने के लिए सरकारी स्तर पर कीटनाशक की छिड़काव करवाने व किसानों को प्रशिक्षित कर दवा उपलब्ध करवाने की जरूरत है.
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