झारखंड राज्य खाद्य निगम को जो अनाज आवंटित की गयी थी, उसके रिलीज ऑर्डर पर अनाज का उठाव कर उसे कालाबाजार में बेच दिया गया. सूत्रों की मानें तो सरिया में स्थित एफसीआई के पीइजी वन गोदाम से 2928 क्विंटल अनाज,जिसमें 1401 क्विंटल चावल और 1527 क्विंटल गेहूं था, को 13 ट्रकों में लोड किया गया और उसे कालाबाजार में बेच दिया गया. बताया जाता है कि गोदाम से 29 जून 2023 और 30 जून 2023 को इन ट्रकों में अनाज ढोकर बाहर निकाला गया था. इसके लिए इस कार्य में शामिल लोगों ने ना सिर्फ अनाज निर्गत पंजी में गलत इंट्री की, बल्कि फर्जी गेटपास भी तैयार कर लिया. बता दें कि सरिया में एफसीआई ने गिरिडीह शहर के शास्त्रीनगर निवासी रामजी कुमार पांडेय से दस लाख टन क्षमता का गोदाम किराये पर लिया था. इतना ही नहीं रामजी कुमार पांडेय को अनाज हथालन की भी जिम्मेदारी दे दी गयी थी.
एफसीआई के चार सदस्यीय टीम ने गोदाम का किया था भौतिक सत्यापन
जब, एसएफसी को आवंटित अनाज राशि जमा करने के बाद भी नहीं मिला तो काफी दिनों बाद एसएफसी के अधिकारियों की नींद खुली. जांच-पड़ताल के क्रम में अधिकारियों को जानकारी मिली कि ट्रांसपोर्टर को लगभग 2928 क्विंटल अनाज मिला ही नहीं है. इस संबंध में एफसीआई के अधिकारियों से पत्राचार शुरू किया. काफी दिनों तक एफसीआई के अधिकारियों को अनाज गड़बड़ी पर भरोसा तक नहीं हुआ, लेकिन जब एसएफसी ने पुन: बचे हुए अनाज की मांग की, तो एफसीआई ने एक चार सदस्यीय टीम को गोदाम के भौतिक सत्यापन के लिए भेजा. रिलीज ऑर्डर के अनुसार अनाज निर्गत पंजी और स्टॉक की जांच की गयी. पाया कि 29 व 30 जून को जो अनाज का उठाव किया गया है, वह एसएफसी के गोदामों तक नहीं पहुंचा. इसके बाद तत्कालीन गोदाम संचालक रामजी कुमार पांडेय से स्पष्टीकरण किया गया. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद एफसीआई ने रामजी कुमार पांडेय की एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया और अनाज के बाजार मूल्य की वसूली शुरू कर दी. वहीं, एफसीआई ने पाया कि लगभग 96 लाख 39 हजार 674 रुपये के अनाज की गड़बड़ी की गयी है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि 25 लाख से ऊपर की गड़बड़ी की जांच सीबीआई के स्तर से होती है. इसलिए विभागीय स्वीकृति मिलने के बाद एफसीआई के महाप्रबंधक मनोज कुमार ने धनबाद के सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया. सीबीआई के अधिकारियों ने आवेदन को लौटाते हुए उन्हें बताया कि यह मामला आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो का है. पुन: एफसीआई के महाप्रबंधक मनोज कुमार ने चार मार्च 2024 को सीबीआई के रांची स्थित आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो को जांच रिपोर्ट के साथ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन समर्पित किया. 30 अगस्त 2024 को गोदाम के संचालक रामजी कुमार पांडेय के विरुद्ध भादवि की धारा 120बी, 409, 420, 465, 13(2), आर/डब्ल्यू (13)(1)(ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी.
एफसीआई के प्रतिनियुक्त कर्मियों की अनुपस्थिति में किया गया गड़बड़ी
सूत्रों की मानें तो सरिया के गोदाम से जिस दिन 2928 क्विंटल अनाज अवैध तरीके से ट्रकों में लोड कर निकाला गया, उस दिन एफसीआई के प्रतिनियुक्त कर्मी अनुपस्थित थे. एफसीआई के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 29 और 30 जून को अनाज की गड़बड़ी की गयी है और उनके प्रतिनियुक्त कर्मी 27 जून, 2023 से 30 जून, 2023 तक दूसरे कार्य के लिए कोडरमा जिला के पिपराडीह गोदाम में प्रतिनियुक्त थे. सूत्रों का कहना है कि इन कर्मियों की अनुपस्थिति का लाभ उठाते हुए गोदाम संचालक ने अनाज को गायब कर दिया.
एफसीआई के गोदाम से अनाज की होती रही है हेराफेरी
सूत्रों का कहना है कि जब से रामजी कुमार पांडेय ने गोदाम को एफसीआई को किराये पर दिया था, तभी से अनाज की हेराफेरी होने लगी थी. यदि रामजी पांडेय के पूरे कार्यकाल के गेट पास और अनाज निर्गत पंजी की जांच की जाये तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आयेंगे. सूत्रों का कहना है कि एसएफसी के अधिकारियों के साथ-साथ ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से सरिय के एफसीआई गोदाम से माल टपाने का काम एक लंबे समय से किया जा रहा था. कई बार तो जो अनाज एफसीआई के गोदाम से एसएफसी गोदाम के लिए चलता था, वह रास्ते में ही गायब कर दिया जाता था. यह अनाज सीधे बंगाल के राइस मिलों में खपा दिया जाता था. सूत्रों ने बताया कि एसएफसी के अधिकारी और ट्रांसपोर्टर गोदाम के संचालक के कागजों पर ही अनाज का अदान-प्रदान कर लेते थे. सूत्रों की मानें तो रामजी पांडेय से पूछताछ के क्रम में सीबीआई को इन बातों की भी जानकारी मिल गयी है. यही कारण है कि ट्रांसपोर्टर के साथ-साथ एसएफसी के भी कई अधिकारी सीबीआई के रडार पर हैं. सीबीआई ने रामजी पांडेय के घर से जिन दस्तावेजों को जब्त किया है, उसके खुलने के बाद जांच का दायरा बढ़ने की उम्मीद जतायी जा रही है.
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