Giridih News: बिरनी में अब तक नहीं खुला धान क्रय केंद्र, औने-पौने दामों पर धान बेचने पर किसान मजबूर
Giridih News: प्रखंड में राज्य सरकार की ओर से अब तक धान खरीद के लिए किसी तरह का पत्र जारी नहीं किया है. जबकि धान की कटाई करीब 90 प्रतिशत तक हो चुकी है. क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों के खून पसीने की कमाई को महाजन व दलाल बिचौलिये औने-पौने दाम में पर खरीद कर मालामाल हो रहे हैं.
जबकि किसान सरकार की लचर व्यवस्था से तंग आकर खुले बाजार में कम कीमत पर धान बेचने को मजबूर हैं. आलम यह है कि पूंजीपति एजेंट के माध्यम से किसानों के खलिहान से ही धान की खरीदी कर गोदाम में स्टॉक कर रहे हैं. पूंजीपति किसानों के धान को ट्वारक व अन्य वाहन में लोडकर बंगाल व अन्य क्षेत्र में भेज कर मोटी रकम की कमाई कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार बिरनी प्रखंड के कपिलो, रजमनिया, नावाडीह, जितकुंडी, पलोंजिया, मरकोडीह, जुठहा आम, खरखरी, सरांडा, मंझलाडीह, भरकट्टा समेत इलाकों से पूंजीपतियों की ओर से प्रतिदिन किसानों से औने पौने दाम पर धान की खरीदी कर 50 से 60 ट्रक धान बंगाल ओर बिहार भेजा जा रहा है. किसानों से 1550 रुपये से लेकर 1650 रुपये क्विंटल की दर से धान की खरीदी की जा रही है. जबकि इस साल 2400 रुपये प्रति किवंटल धान का रेट निर्धारित है.70 प्रतिशत किसानों के बिक चुके हैं धान
बता दें कि कई वर्षों के बाद इस वर्ष धान की पैदावार अच्छी हुई है. किसानों को उम्मीद थी कि इस वर्ष बेहतर कमाई होगी. लेकिन सरकार द्वारा समय पर धान क्रय केंद्र नहीं खोले जाने के कारण किसान औने पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर हैं. आलम यह है कि 70 प्रतिशत किसानों ने धान को बिचौलियों के हाथों बेच दिया है. बताया जा रहा है कि अगर एक सप्ताह में क्रय केंद्र नहीं खोला गया तो किसान सारा धान खुले बाजार में बेचने को मजबूर हो जायेंगे.दोहरी मार झेल रहे हैं किसान
एक तरफ किसान औने-पौने दाम पर धान को किसान बेच रहे हैं वहीं दूसरी ओर किसानों की गाढ़ी कमाई पर बिचौलियों की भी निगाह है. किसानों से धान खरीदी के दौरान बिचौलिये प्रति किवंटल 10 से 15 किलो तक वजन में भी हेर फेर कर रहे हैं. कई बार कम वजन करने को ले किसानों व बिचौलियों के बीच मारपीट भी होती रही है. इतना ही नहीं धान क्रय केंद्र नहीं खुलने के बाद पूंजी पतियों व पैक्स संचालकों की कमाई भी बढ़ गयी है. सूत्रों की मानें तो पूंजीपति किसान से धान की खरीद कर उसे अलग अलग नाम से पैक्स में धान को बेच देते हैं. पैक्स संचालक कमीशन पर धान खरीद कर डंप करते हैं ताकि धान क्रय केंद्र खुलते ही इसे अलग अलग नाम से बिक्री कर दोगुना लाभ ले सके.
क्या कहते हैं किसान
किसान प्रकाश सिन्हा, उवेंद्र यादव, देवशरण साव, राजदेव साव आदि ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों से धान क्रय करने की घोषणा की गयी. लेकिन सरकार की गलत नीति के कारण किसानों को फायदा नहीं मिल पा रहा है. इससे सिर्फ कालाबाजारियों और पूंजीपतियों को लाभ मिल रहा है.क्या कहते हैं पदाधिकारी
प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुरेंद्र महतो ने कहा कि धान क्रय से संबंधित पत्र मिला है. 15 दिसंबर से बिरनी के तीन पैक्स में धान क्रय केंद्र में खरीददारी शुरू होगी. किसान धान क्रय केंद्र में धान विक्रय करें और सरकारी दर का लाभ लें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है